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राजस्थान के इस शहर को सौगात मिलने का रास्ता साफ, मुआवजे को लेकर चल रहा विवाद समझाइश से सुलझा

कोटा शहर को नॉर्दर्न बायपास की सौगात मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके पहले चरण का करीब 8 साल से अटका काम मुआवजे को लेकर चल रहे विवाद के सुलझने के साथ ही शुरू हो गया है।

कोटाJan 05, 2025 / 05:08 pm

Kamlesh Sharma

kota ring road
मुकेश शर्मा/ कोटा। शहर को नॉर्दर्न बाइपास की सौगात मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके पहले चरण का करीब 8 साल से अटका काम मुआवजे को लेकर चल रहे विवाद के सुलझने के साथ ही शुरू हो गया है। वहीं, नॉर्दर्न बाइपास के दूसरे चरण का काम पहले ही शुरू हो चुका। इसी वर्ष नवम्बर तक नॉर्दर्न बायपास की सौगात मिलने की उम्मीद है।
नॉर्दर्न बाइपास का निर्माण पूरा होते ही कोटा को रिंग रोड की सौगात मिल जाएगी। इससे कोटा शहर में होकर जाने वाले भारी वाहनों का प्रवेश बंद हो जाएगा। वे सीधे रिंग रोड होते हुए शहर के बाहर निकल जाएंगे। इसका लाभ कोटा शहर के लोगों को तो मिलेगा ही, कोटा ग्रामीण और बारां जिले के लोगों का भी समय बचेगा। वे भी कोटा शहर के ट्रैफिक से दूर रिंग रोड से जयपुर की ओर जा सकेंगे।

13 करोड़ से होगा फर्स्ट फेज का शेष काम

नॉर्दर्न बाइपास के पहले चरण का 85 फीसदी काम पहले ही पूरा हो गया था। मुआवजे के विवाद के चलते अटके करीब 15 फीसदी काम का बेलेन्स फर्स्ट फेज के नाम से 13 करोड़ रुपए का टेंडर किया गया। इससे रेलवे ओवर ब्रिज, 600 मीटर के शेष टुकड़े व फर्स्ट फेज के शेष काम को पूरा किया जाएगा।
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सैकंड फेज के काम ने पकड़ी रफ्तार

एनएच विंग के अधिशासी अभियंता मुकेश गुप्ता ने बताया कि नॉर्दर्न बाइपास के सैंकड फेज का निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इसने गति पकड़ ली है। पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग की ओर से इसका निर्माण नवम्बर माह तक पूरा होना है। 12.9 किमी सड़क बूंदी के गामछ से बल्लोभ तक बनाई जाएगी। इसके लिए करीब 57 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण प्रकिया में है। अधिग्रहित भूमि का करीब 78 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाना है। इसमें से 70 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। निर्माण कंपनी ने काम शुरू कर दिया है। भूमि अधिग्रहण में देरी से अप्रेल के स्थान पर यह काम नवम्बर 2025 तक पूरा हो पाएगा।

आठ वर्ष से अटकाथा काम

नॉर्दर्न बाइपास के पहले फेज में झालीपुरा से गामछ तक 14.1 किलोमीटर की सड़क बननी थी। गामछ से ब्रजेशपुरा रेलवे फाटक तक की 12 किलोमीटर की सड़क 8 साल से बनकर तैयार है, लेकिन 2 किलोमीटर की सड़क का 600 मीटर हिस्सा केडीए और किसानों के बीच कोर्ट में मुआवजे को लेकर अटक गया। इस पर केडीए की ओर से मुआवजा राशि न्यायालय में जमा करवाई गई। किसानों की भी समझाइश की गई। इसके बाद किसान निर्माण के लिए राजी हो गए। इस पर पहले चरण का अटका काम शुरू हो गया है।

18 किमी कम होगी दूरी

नॉर्दर्न बायपास के निर्माण के बाद बल्लोप से झालीपुरा की दूरी करीब 18 किमी कम हो जाएगी। काम पूरा होने के साथ कोटा में रिंग रोड तैयार हो जाएगी। दूरी 45 से घटकर 27 किमी रह जाएगी। अभी बूंदी, केशवरायपाटन से बारां जाने वाले वाहन को एनएच 27 पर बने बायपास से निकलना होता है, जो 45 किमी लंबा है।
फर्स्ट फेज का 8 साल से अटका काम शुरू कर दिया गया है। इसका काम नवम्बर माह तक पूरा करना है। निर्माण को इससे पहले पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। फर्स्ट फेज के शेष काम को युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।
सीपी मीणा, अधिशासी अभियंता, केडीए।

नॉर्दर्न बायपास के पहले चरण का अटका काम फिर शुरू हो गया है। दूसरे फेज का काम पहले ही शुरू हो चुका। शीघ्र ही इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। इसके साथ कोटा के लोगों को रिंग रोड मिल जाएगी।
कुशल कमार कोठारी, सचिव, केडीए।

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