राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आगामी फेरबदल के तहत संगठन में युवाओं को ज्यादा स्थान देने की योजना पर काम कर रही है। इसके तहत जिलों में बनाए जाने वाले मंडल अध्यक्षों के लिए आयु सीमा 35 से 45 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। वहीं जिलाध्यक्ष के पद के लिए उम्र सीमा 45 से 60 वर्ष तक होगी। इसके अलावा यह भी तय किया गया है कि जिलाध्यक्ष बनने के लिए व्यक्ति को संगठन में कम से कम 7 से 8 साल का अनुभव होना आवश्यक होगा।
पार्टी की यह नीति इस ओर संकेत करती है कि केवल कार्यकर्ताओं का अनुभव और संगठन के प्रति प्रतिबद्धता ही उन्हें शीर्ष पदों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करेगी। खास बात यह है कि जो व्यक्ति लगातार दो बार मंडल अध्यक्ष या जिलाध्यक्ष रह चुका है, उसे तीसरी बार मौका नहीं मिलेगा। यह कदम पार्टी के भीतर नए चेहरे और कार्यकुशल नेताओं को मौका देने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि संगठन में ताजगी और ऊर्जा बनी रहे।
संगठन में इस प्रकार के बदलाव के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो व्यक्ति जिलाध्यक्ष बनने के लिए विचाराधीन है, वे पार्टी कार्यों में सक्रिय रूप से लगे हुए हों। इसका मतलब यह है कि केवल उन कार्यकर्ताओं को ही शीर्ष पदों पर नियुक्त किया जाएगा, जो संगठन के कार्यों से जुड़े हुए हैं और जिन्होंने अपनी जिमेदारियों को पूरी निष्ठा से निभाया है।
इस बदलाव से न केवल संगठन की कार्यप्रणाली में सुधार की उमीद है, बल्कि यह पार्टी के भीतर नेतृत्व के नए अवसरों को भी जन्म देगा। उमीद जताई जा रही है कि नए जिलाध्यक्ष के चयन से पार्टी को और मजबूती मिलेगी और आगामी चुनावों में यह संगठनात्मक बदलाव पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होगा।
जिलाध्यक्ष पद के लिए चर्चाओं में यह नाम
वैश्य वर्ग : गिरधारी गुप्ता पूर्व उपाध्यक्ष, बृजेश अग्रवाल महामंत्री, मनोज खंडेलवाल एवं सतीश बंसल उपाध्यक्ष। इनमें गिरधारी गुप्ता एवं बृजेश अग्रवाल उम्र के लिहाज से दायरे से बाहर बताए जा रहे हैं। सतीश बंसल राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम खेमे के माने जा रहे हैं। ब्राह्मण वर्ग: भगवानदास शर्मा पूर्व महामंत्री एवं श्यामसुंदर गौड़ पूर्व पार्षद एवं उपाध्यक्ष। भगवानदास शर्मा का नाम पूर्व में भी तेजी से जिलाध्यक्ष के लिए चला था। उनको पूर्व में बधाईयां भी मिल चुकी थीं, लेकिन ऐन वक्त पर बदलाव हुआ था। गौड को आरएसएस का नजदीकी माना जाता है। इस दौड़ में मनोज भारद्वाज भी शामिल बताए जा रहे हैं।
जाट वर्ग : गोविंद सिंह चौधरी महामंत्री नदबई एवं धर्म सिंह चौधरी बयाना के साथ पूर्व नेता प्रतिपक्ष रूपेन्द्र सिंह जघीना एवं अभयवीर का नाम भी चर्चाओं में शामिल है।