कोबरा और उसके 24 बच्चे मिले
बड़ी संख्या में सांपों के होने की सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान मोहन लाल गुप्ता ने बिना किसी देरी के सर्प मित्र शत्रुध्न यादव को बुलाया। शत्रुध्न यादव तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया। जब मिट्टी को सावधानी से हटाया गया, तो वहां एक बड़े कोबरा सांप के साथ उसके 24 छोटे बच्चे भी मिले। ये सभी सांप ईंटों के नीचे दबे हुए थे। शत्रुध्न यादव ने बड़े साहस और सूझबूझ के साथ सभी सांपों को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। हालांकि, ईंटों के नीचे दबने से एक बड़ा सांप पहले ही मर चुका था, लेकिन शेष 24 सांपों को जीवित बचा लिया गया। बाद में इन सभी को सुरक्षित रूप से पास के जंगल में छोड़ दिया गया।
गांववालों ने ली राहत की सांस
इस साहसिक बचाव अभियान के बाद गांववालों ने राहत की सांस ली। लोगों ने शत्रुध्न यादव के कार्य की जमकर सराहना की। सर्प मित्र शत्रुध्न यादव ने ग्रामीणों से अपील की कि यदि कहीं सांप दिखाई दे तो उसे मारें नहीं, बल्कि तुरंत जानकारी दें ताकि उन्हें समय पर रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि कोबरा सांप बेहद विषैला होता है और इसके काटने से जान का खतरा रहता है।