Holi 2025: दक्षिण की द्वारका, वृंदावन समेत देश के इन 6 मंदिरों में खेली जाती है होली, क्या जानते हैं
Holi 2025: होलि, रंगों और गुलाल का त्योहार, पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। जहां एक ओर मथुरा और वृंदावन में कृष्ण भक्तों की भीड़ उमड़ती है, वहीं भारत के अन्य कृष्ण मंदिरों में भी यह त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है।
Holi 2025: होलि, रंगों का त्योहार, भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि, होली केवल एक सार्वजनिक उत्सव नहीं है, बल्कि भारत के विभिन्न मंदिरों में भी यह विशेष रूप से धार्मिक रूप से मनाई जाती है। वृंदावन और द्वारका जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल होली के दौरान नजारा काफी आनंदमय होता है, जहां भक्त पूरी श्रद्धा और उमंग के साथ रंगों का आनंद लेते हैं। आइए जानते हैं उन प्रमुख मंदिरों के बारे में जहां होली के मौके पर खास आयोजन होते हैं।
राजगोपालस्वामी मंदिर में होली का उत्सव कई दिनों तक चलता है। इस दौरान, मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और रोशनी से सजाया जाता है। भक्त भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते हैं। इस मंदिर में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें संगीत, नृत्य, और नाटक का आनंद लिया जाता है। मार्च-अप्रैल के बीच में यहां रथ उत्सव भी आयोजित होता है, जिसमें लाखों भक्त शामिल होते हैं।
मथुरा-वृंदावन में होली | Shri Dwarkadhish Temple Mathura
मथुरा और वृंदावन में होली का कार्यक्रम विशेष धूमधाम से मनाया जाता है, जहाँ भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का जीवंत प्रदर्शन होता है। यहां होली के दौरान भक्त रंगों में रंग जाते हैं, और गली-मोहल्लों में बांसुरी की मधुर धुन सुनाई देती है। विशेष रूप से, वृंदावन के बरसाना और नंदगांव में रंगों के साथ धार्मिक अनुष्ठान भी होते हैं।
उत्तर प्रदेश का नंदगांव मंदिर कृष्ण भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। होली के मौके पर यहां पारंपरिक तरीके से उत्सव मनाया जाता है, जिसमें नृत्य, लोकगीत, और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। यह स्थान भगवान श्री कृष्ण के बचपन से जुड़ा हुआ है और यहां होली का आनंद बिल्कुल अलग ही होता है।
गोविंद जी मंदिर में होली उत्सव | Rajasthan Ki Special Holi
राजस्थान के जयपुर स्थित गोविंद जी मंदिर में होली का पर्व खास धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और सजावट से सजाया जाता है, और भक्त भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में रंगों में रंग जाते हैं। यहां पर धार्मिक अनुष्ठान, भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं, जो इस उत्सव को और भी खास बनाते हैं।
इस्कॉन मंदिर | Iskcon mandir
देशभर में कई इस्कॉन मंदिर हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के मायापुरी स्थित इस्कॉन मंदिर में होली का उत्सव एक खास अनुभव है। यहां भक्त रंगों में रंगकर नृत्य, भजन और संगीत में लीन रहते हैं। भगवान कृष्ण की भक्ति में हर कोई रंगों के साथ आनंदित होता है।
उडुपी श्री कृष्ण मठ | Happy Holi 2025
कर्नाटक के उडुपी स्थित श्री कृष्ण मठ में होली का उत्सव खास तरीके से मनाया जाता है। यहां भगवान कृष्ण की प्रसिद्ध प्रतिमा कनकधारा के नाम से जानी जाती है। इस मठ में भक्त पूजा-अर्चना करते हुए भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और इस दौरान होली के जश्न का आनंद लेते हैं।
रंगों के पर्व होली पर रखें ये सावधानियां
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