रेल संशोधन विधेयक पारित: 60 साल बनाम 11 साल, रेल मंत्री ने गिनाई उपलब्धियां
Railway Amendment Bill passed: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में रेल संशोधन विधेयक 2025 पेश किया। इस दौरान उन्होंने बीते 11 वर्षों में रेलवे में हुए व्यापक बदलावों और सुधारों की चर्चा की।
Railway Amendment Bill passed: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को राज्यसभा में रेल संशोधन विधेयक 2025 पेश किया, जिसे सदन ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया। इस दौरान उन्होंने बीते 11 वर्षों में रेलवे में हुए व्यापक बदलावों और सुधारों की चर्चा की। उन्होंने बताया कि 34,000 किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बिछाए गए हैं, जो जर्मनी जैसे समृद्ध देश से भी अधिक है। साथ ही, 45,000 किलोमीटर से अधिक ट्रैक का इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया, जिससे डीजल ट्रैक्शन की तुलना में 95% कम प्रदूषण होगा।
रेल मंत्री ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में रेलवे के डिब्बों में 3.10 लाख टॉयलेट बनाए गए, जिससे यात्रियों को अधिक सुविधा मिली। उन्होंने यूपीए और एनडीए सरकार की तुलना करते हुए बताया कि यूपीए के दौरान 4.11 लाख लोगों को रेलवे में रोजगार मिला था, जबकि एनडीए सरकार ने 5.02 लाख लोगों को रोजगार दिया है।
रेल मंत्री ने महाकुंभ की व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इस वर्ष कुंभ मेले में दी गई विशेष सुविधाओं को 60 स्टेशनों पर स्थायी रूप से लागू किया जाएगा। साथ ही, प्लेटफॉर्म पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सिर्फ उन्हीं यात्रियों को प्रवेश मिलेगा जिनके पास कंफर्म टिकट होगा।
रेलवे में सुरक्षा और आधुनिकरण पर जोर
रेल मंत्री ने बताया कि 50,000 किलोमीटर पुरानी पटरियों को हटाकर नई पटरियां लगाई गई हैं। फॉग सेफ्टी डिवाइस की संख्या 2014 में सिर्फ 90 थी, जो अब बढ़कर 26,000 हो गई है। रेलवे सुरक्षा में सुधार के लिए कवच एंटी-कोल्युजन सिस्टम को 15,000 किलोमीटर ट्रैक पर लागू करने का कार्य चल रहा है।
रेलवे में होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर उन्होंने बताया कि 2013-14 में प्रति वर्ष औसतन 171 रेल दुर्घटनाएं होती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर 30 हो गई है। रेल फ्रैक्चर में भी 91% की कमी आई है। उन्होंने ट्रेनिंग सिस्टम को मजबूत करने के लिए सिम्युलेटर और एयर-कंडीशन रनिंग रूम की सुविधा देने की बात भी कही।
राज्यों को नहीं होगी शक्ति में कमी
रेल मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इस विधेयक के पारित होने से राज्यों की शक्तियों में कोई कटौती नहीं होगी। उन्होंने बताया कि भाजपा शासित राज्यों के साथ-साथ गैर-भाजपा शासित राज्यों, जैसे पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु को भी रेलवे बजट में पर्याप्त धन आवंटित किया गया है।
रेल मंत्री ने रेलवे की भर्ती परीक्षाओं का उदाहरण देते हुए बताया कि ग्रुप डी परीक्षा में 1.26 करोड़ उम्मीदवारों ने भाग लिया, जो 68 दिन तक, 133 शिफ्टों में, 15 भाषाओं में और 211 शहरों के 726 केंद्रों पर आयोजित की गई। उन्होंने डिजिटल कंट्रोल पर जोर देते हुए बताया कि यूपीए सरकार के समय में केवल 800 रेलवे स्टेशनों का डिजिटल कंट्रोल था, जबकि अब यह संख्या 3,243 हो गई है।
विधेयक का उद्देश्य और प्रभाव
रेल संशोधन विधेयक रेलवे अधिनियम 1989 में संशोधन करेगा और भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम 1905 को इसमें एकीकृत करेगा। यह रेलवे प्रशासन को अधिक शक्तियां देगा और परिचालन दक्षता में सुधार करेगा। गौरतलब है कि यह विधेयक पहले ही लोकसभा में पारित हो चुका था और अब राज्यसभा से भी मंजूरी मिलने के बाद इसे जल्द कानून का रूप दिया जाएगा।