दुराचार का आरोपी कमल रावत पूर्व में चम्पावत पीजी कॉलेज में छात्रसंघ का अध्यक्ष भी रहा है। वह सल्ली क्षेत्र से बीडीसी सदस्य भी है। पेशे से ठेकेदार कमल पहले भी विवादों में रहा है। करीब पांच साल पहले कमल रावत ने सरेबाजार मीट विक्रेता को लात घूसों से पीटा था। ये मामला काफी सुर्खियों में रहा था। कुछ माह पूर्व उसने लोनिवि में टेंडर प्रक्रिया के दौरान सरेआम टेंडर तक फाड़ डाले थे। रावत से जुड़े गांव की सड़क पर घटिया डामरीकरण का मुद्दा भी चर्चाओं रहा।
पिछले त्रिस्तरीय चुनाव में कमल रावत चम्पावत के कद्दावर भाजपा नेता गोविंद सामंत को हराकर बीडीसी सदस्य बना था। गोविंद सामंत उस दौरान विधायकी के लिए भाजपा के प्रमुख दावेदारों में शामिल थे। उस हार की वजह से गोविंद सामंत का ब्लॉक प्रमुख बनने का सपना भी टूट गया था। हालांकि गोविंद सामंत ने अपने गुट की नेता को ब्लॉक प्रमुख बनाकर कई धुरंधरों के अरमानों पर पानी फेर दिया था।
रेप पीड़िता, उसकी मां और परिजन सुबह दस बजे से पहले ही कोतवाली पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि पीड़ित पक्ष पर समझौते को लेकर काफी दबाव बन रहा था। बावजूद इसके रेप पीड़िता मुकदमे की मांग पर डटी रही। बाद में कमल रावत के विरोधी गुट ने मुकदमे का दबाव बनाना शुरू कर दिया था।