71 महाविद्यालयों को मिलेगा राजकीय दर्जा: एक ऐतिहासिक कदम
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि प्रदेश में संचालित 171 राजकीय महाविद्यालयों में अब 71 और नए महाविद्यालय शामिल हो जाएंगे। ये सभी महाविद्यालय अब प्रदेश सरकार के अधीन राजकीय महाविद्यालयों के रूप में संचालित होंगे। पहले इनका संचालन संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा किया जाता था, लेकिन कुछ विश्वविद्यालयों द्वारा संचालन में असमर्थता व्यक्त करने के बाद सरकार ने यह फैसला लिया।UP Cabinet Decision: योगी सरकार करेगी महाकुंभ 2025 के लिए देश-विदेश में भव्य रोड शो, महाकुंभ को बनाएगी ऐतिहासिक
क्या होंगे बदलाव
सभी 71 महाविद्यालयों में संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जगह अब स्थाई सरकारी पद होंगे। सृजित पदों की संख्या 71 प्राचार्य1,136 सहायक आचार्य (प्रत्येक महाविद्यालय में 16 पद)
639 क्लास-3 पद
710 क्लास-4 पद
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फायदे
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे: हजारों युवाओं के लिए सरकारी नौकरियां सृजित होंगी।शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी: राजकीय व्यवस्था से महाविद्यालयों में संसाधनों की उपलब्धता और प्रशासन बेहतर होगा।
बिजनौर में खुलेगा विवेक विश्वविद्यालय
मंत्रिमंडल ने बिजनौर में विवेक विश्वविद्यालय के संचालन को भी मंजूरी दी है। इससे उत्तर प्रदेश में एक और निजी विश्वविद्यालय की शुरुआत होगी, जो न केवल शिक्षा में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा बल्कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा।
उच्च शिक्षा में उत्तर प्रदेश का तेजी से उभरता स्थान
पिछले दो वर्षों में प्रदेश के विश्वविद्यालयों ने शानदार प्रदर्शन किया है:7 विश्वविद्यालय नैक (NAAC) ग्रेड ए++ में।
4 विश्वविद्यालय नैक ग्रेड ए+ में।
6 निजी विश्वविद्यालय नैक ग्रेड ए+ में।
4 निजी विश्वविद्यालय नैक ग्रेड ए में।
हर जिले में विश्वविद्यालय का लक्ष्य
योगी सरकार का उद्देश्य अगले 5 वर्षों में प्रदेश के हर जिले में कम से कम एक विश्वविद्यालय स्थापित करना है, जिससे हर छात्र को घर के पास उच्च शिक्षा के अवसर मिल सकें।