क्या है योजना की खासियत? इस योजना के तहत 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को हर सुबह आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताजगी भरा और पोषणयुक्त नाश्ता मिलेगा। इस नाश्ते में दूध, मौसमी फल और स्थानीय पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल होंगे।
गरीबों को मिलेगी गाय, घर में होगी दूध की व्यवस्था योजना की सबसे अनोखी पहल यह है कि जिन गरीब परिवारों के पास दूध देने वाला पशुधन नहीं है, उन्हें सरकार की ओर से गाय दी जाएगी। इससे न केवल पोषण स्तर बेहतर होगा, बल्कि आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ेगा।
‘जीरो पॉवर्टी मिशन’ से जुड़ी योजना मुख्यमंत्री ने इस योजना को राज्य के ‘जीरो पॉवर्टी मिशन’ से जोड़ते हुए कहा कि इसका उद्देश्य वंचित, निर्धन और पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों को कुपोषण से पूरी तरह मुक्त कराना है।
हर जिले में बनेगी टेक होम राशन (THR) यूनिट सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्रों पर नाश्ता ही नहीं, बल्कि टेक होम राशन (THR) की व्यवस्था को भी सशक्त बनाया जाएगा। वर्तमान में मौजूद 43 जिलों की 204 यूनिट्स की तर्ज पर अब हर जिले में THR यूनिट स्थापित की जाएगी, ताकि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं को घर बैठे गुणवत्तापूर्ण पोषण मिल सके।
स्थानीय स्वाद और सामग्री को मिलेगा बढ़ावा मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि टेक होम राशन में हर जिले की पारंपरिक फसलों और स्वादों को शामिल किया जाए — जैसे प्रतापगढ़ का आंवला, बुंदेलखंड का श्री अन्न और देसी गुड़। इससे भोजन स्वादिष्ट होगा और स्थानीय किसानों को भी आर्थिक लाभ मिलेगा।
तकनीक और पारदर्शिता से होगी निगरानी योजना के क्रियान्वयन में पूरी प्रक्रिया तकनीक आधारित और पारदर्शी होगी। निर्माण, पैकेजिंग और वितरण पर निगरानी के लिए स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर कार्य करेंगे। कुपोषण, स्टंटिंग और अंडरवेट जैसे मामलों पर रियल टाइम निगरानी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा: “पोषण केवल योजना नहीं, बल्कि भविष्य की बुनियाद है” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह योजना राज्य के भविष्य — यानी बच्चों — के उज्ज्वल जीवन की नींव है। कुपोषण को जड़ से खत्म करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्य बिंदु एक नजर में: हर आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषणयुक्त नाश्ता। गाय वितरण से घर-घर दूध की उपलब्धता। हर जिले में टेक होम राशन यूनिट। स्थानीय सामग्री और किसानों को लाभ।
महिलाओं और बच्चों पर विशेष फोकस। तकनीक आधारित पारदर्शी व्यवस्था। ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना’ न सिर्फ बच्चों का स्वास्थ्य सुधारेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई रफ्तार देगी।