scriptCorruption:जल निगम अफसर की सौ करोड़ की संपत्ति, पत्नी के नाम बनाई फर्म, दावे से खलबली | Corruption: Water Corporation officer has property worth 100 crores, created a firm in his wife's name, claims cause uproar | Patrika News
लखनऊ

Corruption:जल निगम अफसर की सौ करोड़ की संपत्ति, पत्नी के नाम बनाई फर्म, दावे से खलबली

Corruption:पेयजल निगम के एक अफसर ने कुछ ही वर्षों के भीतर सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की है। आरोप है कि उस अफसर ने पत्नी के नाम फर्म बनाकर बड़े-बड़े खेल खेले हैं। इन दावों से खलबली मची हुई है।

लखनऊMar 16, 2025 / 08:13 am

Naveen Bhatt

An engineer of Uttarakhand Drinking Water Corporation has been accused of acquiring property worth more than Rs 100 crore

बॉबी पंवार

Corruption:पेयजल निगम के एक अफसर पर कुछ ही सालों के भीतर सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। ये मामला उत्तराखंड का है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बॉबी पंवार ने प्रेसवार्ता में ये दावा कर लोगों को चौंका दिया है। बॉबी पंवार का आरोप है कि पेयजल निगम के उस अफसर ने अपनी पत्नी के नाम पर फर्म बनाई है। साथ ही उस अधिकारी ने करोड़ों की कृषि भूमि भी अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी है। बॉबी पंवार ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर उन्होंने इस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग उठाई। साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ जल्द प्रदेश भर में यात्रा शुरू करने और बेरोजगार संघ के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात कही। बॉबी पंवार ने आरोप लगाया कि ये अधिकारी 2005 में सहायक अभियंता के पद पर नियुक्त हुआ था। अब कई प्रमोशन पा चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस अधिकारी ने अपनी पत्नी के नाम से फर्म बनाई है और कुछ दस्तावेजों में खुद को भी व्यवसायी बताया।

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शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई

जल निगम के भ्रष्ट अफसर के खिलाफ पूर्व में शिकायत भी हो चुकी है। बॉबी पंवार के मुताबिक एक ठेकेदार ने इस अधिकारी पर दस लाख का कमीशन लेने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई के लिए शपथपत्र के साथ शिकायत भी की थी। लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारी ने भ्रष्टाचार कर अर्जित की गई राशि से देहरादून में कृषि, गैर कृषि भूमि एवं अन्य संपति अर्जित की, जो वर्तमान में करीब सौ करोड़ की है। उन्होंने दावा किया कि सभी सबूतों के साथ मामले जांच के लिए पत्र ईडी को भेज दिया गया है। उन्होंने सूचना आयोग में पिछले 15 दिनों से कार्य ठप होने की बात कही।
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अधिकारी ने नकारे आरोप

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अधिकारी के मुताबिक विजिलेंस की जांच में वर्ष 2022 में इन आरोपों को गलत पाया है। विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय-विशेष न्यायाधीश (सतर्कता गढ़वाल परिक्षेत्र)कोर्ट ने उक्त मामले को निरस्त कर दिया था। अधिकारी के मुताबिक इस वक्त मेरा प्रमोशन होना है। प्रमोशन में बांधा डालने को इस विषय को उठाया जा रहा है।

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