scriptMansoon 2025: छोटी-छोटी बूंदों से बड़ी बारिश तक, मानसून की पूरी कहानी अब आसान शब्दों में | From tiny particles to big rains – the whole story of monsoon in simple words now | Patrika News
लखनऊ

Mansoon 2025: छोटी-छोटी बूंदों से बड़ी बारिश तक, मानसून की पूरी कहानी अब आसान शब्दों में

Mansoon 2025: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने अपनी रफ्तार पकड़ ली है। अगले 2-3 दिनों में यह उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों में भी पहुंच जाएगा। राजधानी लखनऊ सहित राज्य के पूर्वी हिस्सों में 23 जून तक मानसून पहुंचने की पूरी संभावना है।

लखनऊJun 18, 2025 / 04:27 pm

Aman Pandey

masoon, Weather Forecast, climate change, Delhi NCR, Delhi Weather Forecast, downpour, drizzle, HeaT WAVE, heavy rainfall, Heavy rainfall alert June 2025, Heavy Rainfall Report, Hurricane
उत्तर प्रदेश में सोमवार को गर्म हवाओं का असर कुछ हद तक थम गया। मौसम विभाग के अनुसार, अगर सब कुछ ठीक रहा, तो दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले 2-3 दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में दस्तक दे सकता है। राज्य में आसमान में बादलों की मौजूदगी और कहीं-कहीं हल्की बारिश ने तापमान में 3 से 10 डिग्री सेल्सियस की गिरावट ला दी है।

जानें कहां पहुंचा मानसून

भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, मानसून पहले ही गुजरात, मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार के अधिकांश हिस्सों में पहुंच चुका है। इसके साथ ही मानसून की उत्तरी सीमा अब बाड़मेर, जयपुर, ग्वालियर, खजुराहो, सोनभद्र और गया होते हुए 30.5°N तक पहुंच गई है। अगले 2-3 दिनों में यह उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग, बिहार, झारखंड, बंगाल और हिमालयी क्षेत्रों तक भी पहुंच सकता है।
आने वाले कुछ महीनों में आप बार-बार मानसून, बारिश, सामान्य बारिश, औसत बारिश, कम बारिश जैसे शब्द सुनते रहेंगे। आइए समझते हैं कि आखिर मानसून होता क्या है, कैसे बनता है, आपके राज्य में ये कब आएगा और इस बार आपके राज्य में कितनी बारिश हो सकती है…

क्या होता है मानसून

एक क्षेत्र में चलने वाली हवाओं की दिशा में मौसमी परिवर्तन को मानसून कहते हैं। यह एक मौसमी पवन प्रणाली है, जो भारत में जून से सितंबर के बीच सक्रिय रहती है। दक्षिण-पश्चिम मानसून, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से नमी लाकर देश में बारिश करता है। औसतन देश को सालाना 880.6 मिमी वर्षा इस मानसून से प्राप्त होती है।
Weather Forecast, climate change, Delhi NCR, Delhi Weather Forecast, downpour, drizzle, HeaT WAVE, heavy rainfall, Heavy rainfall alert June 2025, Heavy Rainfall Report, Hurricane, mansoon

इस साल कैसा रहेगा मानसून?

IMD के मुताबिक, पूरे भारत में मानसून के 4 महीनों के दौरान औसत 880.6 मिलीमीटर बारिश होती है, जिसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) कहते हैं। यानी 880.6 मिलीमीटर बारिश को 100% माना जाता है। इस साल 870 मिलीमीटर बारिश होने की संभावना है। यानी पूरे देश में मानसून सामान्य या बेहतर रह सकता है। विभाग ने इस बार पूरे देश में LPA के 105–106% तक बारिश होने का अनुमान है।

LPA क्या है और सामान्य वर्षा कैसे तय होती है?

LPA यानी “लॉन्ग पीरियड एवरेज” वह औसत वर्षा होती है जो 30 वर्षों की अवधि में दर्ज की जाती है। उदाहरण के लिए, देशभर में मानसून की सामान्य वर्षा LPA के अनुसार 880.6 मिमी है। यदि किसी वर्ष कुल वर्षा LPA से ±10% के भीतर हो तो वह “सामान्य” मानी जाती है।

बारिश की श्रेणियां

सामान्य: LPA का 90-110%
कम वर्षा: < 90%
अधिक वर्षा: > 110%

इसके अतिरिक्त ‘अत्यधिक अधिक’, ‘अधिक’, ‘कम’, ‘अत्यधिक कम’ जैसी श्रेणियां भी होती हैं।

मानसून के पीछे के सिस्टम

1-हीट लो: पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में बनने वाला निम्न दबाव क्षेत्र जो मानसून को खींचता है।
2-मॉनसून ट्रफ: पूर्व से पश्चिम तक फैला दबाव क्षेत्र जो बारिश की दिशा तय करता है।
3-तिब्बत हाई और मास्करीन हाई जैसे ऊपरी वायुमंडलीय सिस्टम भी बारिश को प्रभावित करते हैं।
4-जेट और ट्रॉपिकल ईस्टरली जेट जैसे जेट स्ट्रीम, मानसून की ताकत और दिशा को नियंत्रित करते हैं।

क्यों नहीं बनते मानसून के दौरान साइक्लोन?

जुलाई और अगस्त में ऊपरी और निचली हवाओं के बीच अत्यधिक अंतर यानी ‘वर्टिकल विंड शीयर’ के कारण चक्रवात बनने की स्थितियां अनुकूल नहीं होतीं।

जलवायु परिवर्तन का असर

हालिया शोधों में पाया गया है कि पिछले 50 वर्षों में मानसून की औसत बारिश में लगभग 6% की गिरावट आई है। वहीं अत्यधिक वर्षा की घटनाएं बढ़ी हैं। केंद्रीय भारत में 150 मिमी से अधिक बारिश वाले दिनों की संख्या 75% तक बढ़ी है।

मानसून की सामान्य तिथियां बदलीं

2019 तक उत्तर प्रदेश में मानसून के आगमन की सामान्य तिथि 15 जून मानी जाती थी, लेकिन भारतीय मौसम विभाग ने 59 वर्षों (1961-2019) के आंकड़ों के आधार पर 2020 में इसे संशोधित किया। अब केरल में मानसून की सामान्य तिथि 1 जून, उत्तर प्रदेश में 18 जून और लखनऊ में 23 जून मानी जाती है।

वर्षवार मानसून आगमन की स्थिति

Weather Forecast, climate change, Delhi NCR, Delhi Weather Forecast, downpour, drizzle, HeaT WAVE, heavy rainfall, Heavy rainfall alert June 2025, Heavy Rainfall Report, Hurricane, mansoon

बारिश कैसे मापते हैं?

बारिश को मापने के लिए रेन गॉग (Rain Gauge) का इस्तेमाल किया जाता है। इसकी शुरुआत 1662 में क्रिस्टोफर व्रेन ने ब्रिटेन में की थी, जब उन्होंने पहला रेन गॉग बनाया। यह उपकरण आमतौर पर एक बीकर या ट्यूब के आकार का होता है जिस पर रीडिंग स्केल (मापनी) लगा होता है।03:59 PM

Hindi News / Lucknow / Mansoon 2025: छोटी-छोटी बूंदों से बड़ी बारिश तक, मानसून की पूरी कहानी अब आसान शब्दों में

ट्रेंडिंग वीडियो