एलडीए के अनुसार ये प्लॉटिंग निजी विकासकर्ताओं द्वारा ग्राम मौंदा, थाना काकोरी क्षेत्र में की जा रही थी। इनमें मनीष चंदानी, मुकेश, असलम, करन, ग्यानी, वसीम, टिल्लू, राजन और अन्य लोगों के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन लोगों ने बिना किसी आधिकारिक अनुमति के जमीन का टुकड़ा-टुकड़ा कर बिक्री करने की तैयारी शुरू कर दी थी।
अवैध कॉलोनियों की पहचान और न्यायिक आदेश
प्रवर्तन जोन-3 के जोनल अधिकारी एसडीएम विपिन कुमार शिवहरे ने बताया कि इन अवैध कॉलोनियों की जानकारी मिलते ही एलडीए ने पहले इन्हें नोटिस भेजा और फिर विहित न्यायालय में मामला दर्ज कराया। कोर्ट के आदेश के बाद ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। शनिवार को एलडीए की टीम ने पुलिस बल की मौजूदगी में बड़ी कार्रवाई करते हुए सड़कों, नालियों और बाउंड्री वॉल को ध्वस्त कर दिया।
बुलडोजर की कार्रवाई से मची अफरा-तफरी
कार्रवाई के दौरान क्षेत्र में हलचल मच गई। कई स्थानीय लोगों और प्लॉट खरीदने की मंशा रखने वाले लोगों को इस कार्रवाई से बड़ा झटका लगा। एलडीए की टीम ने मौके पर लोगों को समझाया कि बिना ले-आउट स्वीकृति के किसी भी जमीन पर प्लॉटिंग करना गैरकानूनी है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनता को चेतावनी: बिना अनुमति खरीद न करें
एलडीए ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि आम नागरिक किसी भी प्लॉट या जमीन की खरीद से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि संबंधित कॉलोनी प्राधिकरण से स्वीकृत है या नहीं। अवैध कॉलोनियों में निवेश करने से भविष्य में उन्हें न केवल आर्थिक नुकसान हो सकता है, बल्कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है।
बार-बार दी जा रही थी चेतावनी
प्राधिकरण द्वारा पहले भी कई बार काकोरी, गोसाईगंज, चिनहट, मोहनलालगंज आदि क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसके बावजूद कुछ निजी बिल्डर और बिचौलिए लगातार बिना अनुमति के कॉलोनियां बसाने में लगे हैं। एलडीए ने दोहराया है कि वह शहरी विकास मानकों का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।
भविष्य में और सख्त कार्रवाई के संकेत
एलडीए उपाध्यक्ष ने कहा है कि लखनऊ में चल रही सभी अवैध प्लाटिंग और अनधिकृत निर्माण की पहचान की जा रही है। जल्द ही अन्य स्थानों पर भी इसी तरह की बड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए एक विशेष सर्वेक्षण टीम गठित की गई है जो लगातार ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर रही है।
नागरिकों के लिए एलडीए की सलाह
एलडीए ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी संपत्ति की खरीदारी से पहले एलडीए की आधिकारिक वेबसाइट या कार्यालय से उसकी वैधता की पुष्टि कर लें। यदि कोई एजेंट या विक्रेता संदिग्ध प्रतीत हो, तो उसकी जानकारी तुरंत प्राधिकरण को दें।