मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से फोन पर बातचीत की और उन्हें इस सफल ऑपरेशन के लिए दिल से बधाई दी। उन्होंने कहा कि “आज पूरे देश का सिर गर्व से ऊँचा हो गया है। पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर भारतीय सेना ने यह साबित कर दिया है कि अब भारत आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेगा।”
मौलाना ने रक्षा मंत्री से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि इस ऑपरेशन ने शहीदों के परिजनों को न्याय की उम्मीद दी है। “यह कदम उन लोगों के लिए जवाब है जो वर्षों से आतंक के नाम पर भारत को पीड़ा देते आए हैं। आतंक के हर आक़ा को अब उसके अंजाम तक पहुंचाना होगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जब तक आतंकवादी संगठनों के सरगनाओं को पूरी तरह समाप्त नहीं किया जाता, तब तक ऑपरेशन सिंदूर जारी रहना चाहिए। मौलाना ने कहा, “देश की जनता, हर धर्म और समुदाय के लोग इस फैसले के साथ हैं। यह भारत की एकता की ताकत है।”
उत्तर प्रदेश समेत देश के कई अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी मौलाना यासूब अब्बास की तरह इस ऑपरेशन का समर्थन किया। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा, “आतंकवाद किसी मजहब का नहीं होता। जो भी देश की शांति भंग करे, उसका अंत ज़रूरी है।”
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मुफ्ती शहाबुद्दीन रज़वी ने भी भारत सरकार के इस निर्णय को देशहित में लिया गया मजबूत फैसला बताया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन उन लाखों नागरिकों के मन में विश्वास पैदा करता है जो देश की सुरक्षा के लिए सेना पर विश्वास रखते हैं।”
इस घटनाक्रम के बाद देशभर में धार्मिक सद्भाव और एकता की मिसाल देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर भी #OperationSindoor और #IndiaAgainstTerror जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग एकजुट होकर सेना और सरकार के इस साहसिक फैसले की सराहना कर रहे हैं।