दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ेगा मानसून प्रभाव
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, गुजरात के कच्छ तट पर बने निम्न दाब के क्षेत्र और दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश तथा उससे सटे पश्चिम बंगाल पर बने एक अन्य निम्न दाब क्षेत्र के कारण मानसूनी प्रवाह काफी मजबूत हुआ है। इसके साथ ही प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में बना चक्रवाती परिसंचरण व पूर्वी-पश्चिमी द्रोणी के उत्तर की ओर खिसकने से राज्य में मानसून की गतिविधियां फिर से जोर पकड़ने लगी हैं।
भारी वर्षा की संभावना वाले क्षेत्र
पिछले 24 घंटे में सोनभद्र और सहारनपुर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि आने वाले 2-3 दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश के उत्तरी और मध्यवर्ती भागों में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है। 30 जून को तराई क्षेत्रों जैसे लखीमपुर खीरी, बहराइच, पीलीभीत, श्रावस्ती आदि में अत्यधिक भारी वर्षा के आसार हैं। वहीं 1 जुलाई से मौसम प्रणाली के फिर से दक्षिण की ओर खिसकने के कारण दक्षिणी जिलों जैसे प्रयागराज, चित्रकूट, मिर्जापुर, सोनभद्र, झांसी, बांदा आदि में भारी वर्षा का दौर शुरू हो सकता है।
कृषि और आम जनजीवन पर असर
इस बढ़ी हुई मानसून सक्रियता से किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई में राहत मिलेगी। धान, मूंगफली, मक्का आदि फसलों की बुआई के लिए यह बारिश बेहद उपयोगी साबित होगी। वहीं लंबे समय से उमस और गर्मी झेल रहे आम नागरिकों को भी बड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि अत्यधिक वर्षा से जलभराव और निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
सरकार की तैयारी और सतर्कता
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। NDRF और SDRF की टीमें संवेदनशील इलाकों में तैनात की जा रही हैं। नालों की सफाई, जल निकासी की व्यवस्था और विद्युत आपूर्ति की सुचारूता के लिए नगर निगम व बिजली विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने भी बारिश के चलते जल जनित रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, हैजा आदि को लेकर अलर्ट जारी किया है। लोगों को साफ-सफाई रखने और पीने का पानी उबालकर पीने की सलाह दी गई है। जिलों में मेडिकल टीमें गठित की गई हैं जो बारिश के दौरान सतत निगरानी रखेंगी।
यात्रियों के लिए चेतावनी
मौसम विभाग ने लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम की ताजा जानकारी के अनुसार ही बाहर निकलने की सलाह दी है। रेलवे और परिवहन विभाग को विशेष निगरानी में रखा गया है ताकि अधिक बारिश के कारण रेल और सड़क यातायात प्रभावित न हो।