अत्यधिक भीड़ के कारण हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुष्पक एक्सप्रेस में अत्यधिक भीड़ थी। ट्रेन के कई यात्री दरवाजों पर लटक कर यात्रा कर रहे थे। जब ट्रेन तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही थी, तभी अचानक धक्का-मुक्की और असंतुलन के चलते कई यात्री ट्रेन से नीचे गिर गए। इस दर्दनाक हादसे के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में यात्रियों को ट्रेन से गिरते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में यह भी नजर आ रहा है कि हादसे के बाद रेलवे ट्रैक पर लोग दौड़कर पहुंचे और घायलों को ट्रैक से उठाकर प्लेटफॉर्म तक लाया गया। कई यात्री बुरी तरह घायल थे और उनके कपड़े तक फट गए थे।
रेलवे प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शुरू की जांच
घटना की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी, मुंबई पुलिस, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और जीआरपी के जवानों ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया। इलाज के दौरान पांच यात्रियों की मौत हो गई। अन्य घायलों की हालत स्थिर बताई जा रही है। सेंट्रल रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। हादसे के कारणों की गहराई से जांच की जा रही है और यह भी देखा जा रहा है कि क्या ट्रेन की सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक हुई थी।
स्थानीय सेवाएं हुईं प्रभावित
इस घटना का असर मुंबई लोकल रेल सेवाओं पर भी पड़ा। ठाणे और दिवा के बीच चलने वाली स्थानीय ट्रेन सेवाएं कुछ समय के लिए बाधित रहीं। यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि, रेलवे अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए सेवाओं को बहाल करने के लिए तुरंत काम शुरू कर दिया। कुछ घंटों के भीतर सामान्य रेल सेवा बहाल कर दी गई।
गार्ड ने दी घटना की जानकारी
कसारा जा रही मुंबई ट्रेन के गार्ड ने इस हादसे की जानकारी रेलवे अधिकारियों को दी। गार्ड के अनुसार, जब ट्रेन मुंबई स्टेशन के पास थी, तभी पांच यात्री ट्रेन से गिर गए। गार्ड ने तुरंत इमरजेंसी अलार्म बजाया और रेलवे कंट्रोल रूम को सूचित किया। इसके बाद RPF, जीआरपी और स्थानीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं। मृतकों की पहचान जारी
रेलवे प्रशासन ने बताया कि मृतकों की पहचान प्रक्रिया जारी है। प्रारंभिक तौर पर यह जानकारी मिली है कि सभी मृतक 30 से 35 वर्ष के बीच के थे। अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ये यात्री कहां से चढ़े थे और उनकी यात्रा का अंतिम गंतव्य क्या था। अधिकारियों का कहना है कि पीड़ितों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
इस दर्दनाक हादसे के बाद सोशल मीडिया पर भी यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों ने रेलवे से पूछा है कि भीड़ नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम क्यों नहीं उठाए जाते? एक यूजर ने लिखा: “हर बार हादसे के बाद जांच का आश्वासन मिलता है, लेकिन भीड़भाड़ वाली ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं होता?” वहीं, कुछ यूजर्स ने मांग की है कि पुष्पक एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में सख्त गेट प्रबंधन किया जाए ताकि दरवाजों से लटककर यात्रा न हो सके। पुष्पक एक्सप्रेस में हमेशा रहती है भारी भीड़
जानकारों के अनुसार, पुष्पक एक्सप्रेस एक लोकप्रिय ट्रेन है, जो मुंबई और लखनऊ के बीच चलती है। खासकर त्योहारी सीजन और छुट्टियों के दौरान इस ट्रेन में भारी भीड़ होती है। इस ट्रेन में कई बार अतिरिक्त कोच लगाने की भी मांग उठती रही है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि रेलवे प्रशासन का कहना है कि वे भीड़ को लेकर पहले से सतर्क रहते हैं और अतिरिक्त कोच लगाने की योजना पर काम कर रहे हैं।
रेलवे प्रशासन का बयान
सेंट्रल रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “यह एक बेहद दुखद घटना है। हम मृतकों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं। घायलों को हर संभव इलाज मुहैया कराया जा रहा है। घटना की विस्तृत जांच की जा रही है। भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।”