आलमबाग की युवती (25) को लंबे समय से स्टर्नल केलॉइड बीमारी थी। उसके सीने पर त्वचा का अतिरिक्त विकास (गले और सीने के बीच का हिस्सा) हो गया था। इससे खूबसूरती को लेकर युवती आत्मविश्वास खोने लगी थी। युवती ने चंदर नगर में सर्जन डॉ. देवाशीष शर्मा को ओपीडी में दिखाया। सर्जन डॉ. देवाशीष शर्मा, डॉ. ई. अहमद एनेस्थीसिया डॉ. अभिषेक कुमार राय, नर्स राधा, ओटी अटेंडेंट संदीप व निखिल की टीम के साथ युवती की रोटेशन तकनीक से सर्जरी की।
क्या है स्टर्नल केलॉइड
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. देवाशीष शर्मा ने बताया कि चोट के स्थान पर विकसित होने वाले स्कार ऊतक असाधारण तरीके से शरीर के किसी हिस्से में फैलने लगते हैं। प्रभावित हिस्सा त्वचा से ऊपर की ओर ऊभर जाता है। इसके होने के कारणों में त्वचा जल जाना, केमिकल से प्रभावित होना या फिर चोट लगने जैसे कट लगना, खरोंच आना पाया गया है।