UP Govt Jobs 2025: अग्निवीरों को यूपी सरकार की सौगात, पुलिस में 20% आरक्षण का आदेश जारी
UP Government Latest Order: उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व अग्नि वीरों को बड़ा तोहफा देते हुए पुलिस विभाग में भर्ती के लिए 20% क्षैतिज आरक्षण लागू कर दिया है। 2026 के बाद सेवा मुक्त होने वाले अग्निवीर आरक्षी, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन के पदों पर इस आरक्षण का लाभ उठा सकेंगे। गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
फोटो सोर्स : Patrika : गृह विभाग ने जारी किया आदेश, पुलिस भर्ती में मिलेगा विशेष लाभ
UP Govt Jobs Ex-Agniveer Benefits: उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व अग्नि वीरों को बड़ी सौगात देते हुए पुलिस विभाग में भर्ती के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण लागू कर दिया है। यह आरक्षण आरक्षी (सिपाही), पीएसी, आरक्षी घुड़सवार और फायरमैन पदों पर लागू होगा। सरकार के इस निर्णय का लाभ वर्ष 2026 और उसके बाद सेवा से बाहर होने वाले अग्निवीरों को मिलेगा। गृह विभाग ने इसके लिए आधिकारिक शासनादेश जारी कर दिया है। राज्य सरकार का यह कदम न केवल अग्निवीर योजना के तहत सेवामुक्त होने वाले युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने वाला है, बल्कि इससे पुलिस बल को भी अधिक प्रशिक्षित और अनुशासित जवान मिलने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह निर्णय 3 जून को हुई कैबिनेट बैठक में लिया था। राज्यपाल की अनुमति के बाद गृह विभाग ने मुख्य सचिव (गृह) संजय प्रसाद के हस्ताक्षर से इसका आदेश जारी कर दिया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्ष 2026 और उसके बाद सेना से चार वर्ष की सेवा के बाद सेवा-मुक्त होकर लौटने वाले अग्निवीर इस आरक्षण का लाभ ले सकेंगे।
इन पदों पर मिलेगा आरक्षण
आरक्षण का लाभ उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती होने वाले इन पदों पर मिलेगा:
1.आरक्षी नागरिक पुलिस (Constable Civil Police)
2.आरक्षी पीएसी (Constable PAC)
3.आरक्षी घुड़सवार पुलिस (Mounted Police)
4.फायरमैन (Fireman)
आयु सीमा में भी मिलेगी छूट
पूर्व अग्नि वीरों को केवल 20% पदों पर क्षैतिज आरक्षण ही नहीं मिलेगा, बल्कि उन्हें आयु सीमा में भी विशेष छूट दी जाएगी।
पूर्व अग्निवीरों को अग्निवीर के रूप में की गई सेवा अवधि घटाने के बाद अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्ष की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाएगी।
आवेदन करने वाला पूर्व अग्निवीर जिस वर्ग (General, OBC, SC, ST आदि) का होगा, उसे उसी वर्ग के तहत समायोजित किया जाएगा।
आरक्षण के बावजूद यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कुल आरक्षण की सीमा 50% से अधिक न हो।
राज्य सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार का कहना है कि यह फैसला सेना में सेवा देने वाले युवाओं को नागरिक जीवन में रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया है। अग्निवीर योजना के तहत चार वर्ष की सेवा के बाद युवाओं को नियमित सेना में नहीं लिया जाता, ऐसे में उनके लिए रोजगार के वैकल्पिक मार्ग खोलना जरूरी था। अब यह युवा अपनी सेना में मिली ट्रेनिंग और अनुशासन का लाभ उठाकर पुलिस बल का हिस्सा बन सकेंगे। इससे न केवल उनके करियर को स्थायित्व मिलेगा, बल्कि पुलिस बल को भी अधिक कुशल, अनुशासित और शारीरिक रूप से दक्ष जवान मिलेंगे।
1. लागू तिथि: वर्ष 2026 और उसके बाद सेवामुक्त होने वाले पूर्व अग्निवीरों पर लागू होगा।
2. आरक्षण का प्रतिशत: 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण दिया जाएगा।
3. पद: आरक्षी, पीएसी, घुड़सवार पुलिस और फायरमैन।
4. आयु सीमा में छूट: सेवा अवधि को घटाकर अधिकतम आयु में तीन वर्ष की छूट।
5. समायोजन: पूर्व अग्निवीर अपने मूल वर्ग के अंतर्गत समायोजित होंगे।
6. आरक्षण की सीमा: कुल आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
पुलिस बल को कैसे मिलेगा लाभ
राज्य सरकार के इस निर्णय से उत्तर प्रदेश पुलिस को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे:
सेना में सेवा के दौरान अग्नि वीरों को सख्त ट्रेनिंग, अनुशासन, शारीरिक फिटनेस और मानसिक दृढ़ता की ट्रेनिंग मिलती है। ऐसे जवान पुलिस बल में शामिल होकर अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था बनाए रखने में बेहतर योगदान दे सकते हैं।
पुलिस बल में सशस्त्र और अर्धसैनिक बलों के अनुभव वाले जवानों की संख्या बढ़ेगी, जिससे बल की प्रशिक्षण क्षमता भी सुधरेगी।
पुलिस की विशेष इकाइयों (PAC, घुड़सवार, फायर ब्रिगेड) में ऐसे जवानों का अनुभव काफी उपयोगी रहेगा।
भर्ती प्रक्रिया में सेना से लौटे युवाओं को पुनर्वास का अवसर मिलेगा, जिससे सामाजिक दृष्टि से भी यह एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
राज्य सरकार ने ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा के समय ही यह संकेत दे दिया था कि अग्निवीरों को भविष्य में राज्य की विभिन्न सेवाओं में प्राथमिकता दी जाएगी। अब उत्तर प्रदेश इस दिशा में पहला बड़ा कदम उठाने वाला प्रमुख राज्य बन गया है। इससे अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिल सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम
अग्निवीर योजना के प्रति युवाओं के विश्वास को बढ़ाएगा।
सेना के पूर्व अधिकारी इस कदम का स्वागत कर रहे हैं। सेवानिवृत्त कर्नल अजय त्रिपाठी का कहना है, “यह एक अत्यंत सकारात्मक निर्णय है। अग्निवीरों को समाज की मुख्यधारा में वापस लाने और उनका अनुभव उपयोग में लाने का यह सही तरीका है। पुलिस बल में उनका समावेश बल को और अधिक प्रभावशाली बनाएगा।” वहीं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मानते हैं कि इससे पुलिस में फिजिकल फिटनेस, अनुशासन और रणनीतिक सोच को मजबूती मिलेगी।
इस फैसले के बाद राज्य में अग्निवीर योजना के तहत सेवा दे रहे और इस योजना में शामिल होने की सोच रहे युवाओं में खुशी की लहर है। कानपुर के अग्निवीर पंकज यादव कहते हैं, “सेना के बाद क्या करूंगा, इसको लेकर पहले थोड़ी चिंता थी। अब यह सुनकर राहत मिली है कि पुलिस में भी मौका मिलेगा। हम अपनी ट्रेनिंग को देश की सेवा में और आगे बढ़ा सकेंगे।”
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