ग्राम विकास अधिकारियों की कमी दूर करना प्राथमिकता
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की ग्राम पंचायतों के सुचारु संचालन और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए ग्राम विकास अधिकारियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। वर्तमान में कई पद रिक्त हैं, जिससे जमीनी स्तर पर कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने अफसरों से कहा कि रिक्त पदों की संख्या का आकलन करके आयोग को विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाए ताकि समय पर भर्तियां पूरी की जा सकें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पारदर्शिता, योग्यता और मेरिट के आधार पर भर्ती प्रक्रिया को संपन्न किया जाए, जिससे योग्य अभ्यर्थियों को रोजगार मिले और ग्राम्य विकास की गति को बल मिले।
ग्राम चौपालों को बनाएं ग्रामीण संवाद का मजबूत मंच
केशव मौर्य ने ग्राम चौपालों को और अधिक प्रभावी व सक्रिय मंच बनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ग्राम चौपालें केवल औपचारिकता न बनें, बल्कि यह गांव के हर वर्ग के लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने का माध्यम बनें। इन चौपालों के माध्यम से सरकार की योजनाओं का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक कैसे पहुंचे, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि अधिकारियों द्वारा ग्राम चौपालों में नियमित रूप से भाग लिया जाए और वहां मिले फीडबैक के आधार पर योजनाओं में जरूरी सुधार और क्रियान्वयन की रणनीति बनाई जाए।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की रफ्तार तेज करने के निर्देश
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) की प्रगति पर असंतोष जताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करना है। उन्होंने सभी जिलों में कार्यरत जिला मिशन मैनेजर और ब्लॉक मिशन मैनेजर के कार्यों की समीक्षा कर नकारात्मक प्रदर्शन वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि जिन जिलों में स्वयं सहायता समूहों की संख्या अपेक्षा से कम है, वहां लक्ष्य निर्धारित कर समयबद्ध कार्य योजना बनाई जाए। साथ ही स्वयं सहायता समूहों को बाजार से जोड़ने, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की प्रक्रिया सरल और तेज होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में उत्तर प्रदेश की उल्लेखनीय प्रगति
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की समीक्षा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने संतोष व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश इस योजना में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल है। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन नए लाभार्थियों की पहचान हालिया सर्वेक्षण में हुई है, उनका वेरिफिकेशन कार्य पूरी पारदर्शिता के साथ शीघ्रता से किया जाए। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से इन लाभार्थियों को जोड़ने की रणनीति तैयार करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण परिवारों को सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा मिलेगी, बल्कि सरकार की हर घर सौर ऊर्जा की परिकल्पना को भी साकार किया जा सकेगा।
पौधरोपण लक्ष्य समय से करें पूरा
बैठक में पर्यावरण और हरियाली को लेकर राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उपमुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि वर्ष 2025 के लिए निर्धारित पौधरोपण लक्ष्यों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि हर गांव में पौधरोपण का कार्य जनसहभागिता से किया जाना चाहिए ताकि उसका रखरखाव भी सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने मनरेगा और अन्य योजनाओं के तहत पौधरोपण से जुड़ी गतिविधियों को समन्वयित करने की बात कही जिससे अधिक से अधिक लोगों को रोजगार भी मिल सके और पर्यावरण संरक्षण का उद्देश्य भी साकार हो।
बजट व्यय में लाएं तेजी
वित्तीय अनुशासन और योजनाओं के समय पर क्रियान्वयन पर जोर देते हुए केशव मौर्य ने अधिकारियों से कहा कि विभागीय बजट का अधिकतम उपयोग दिसंबर माह तक कर लिया जाए, ताकि अंतिम तिमाही में बिना वजह जल्दबाजी और अनावश्यक खर्च से बचा जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बजट उपयोग की योजना को तीन महीने के खंडों में विभाजित कर उसके अनुरूप प्रगति की निगरानी की जाए।
कर्मचारी जवाबदेही और कार्य निष्पादन पर विशेष ध्यान
बैठक में उपमुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाओं की घोषणा करना नहीं, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारना और उसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। इस कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही या सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं होगा, उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी जिलों के जिला विकास अधिकारियों और खंड विकास अधिकारियों को हर महीने की रिपोर्टिंग अनिवार्य करने और कार्यों की गुणवत्ता परक समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।