Weather Alert: लखनऊ समेत पूरे यूपी में चढ़ेगा पारा: पछुवा हवाओं के साथ लौट रही भीषण गर्मी, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
Heatwave Weather Alert: उत्तर प्रदेश में गर्मी ने अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है। पछुवा हवाओं के कारण तापमान में तेजी से इजाफा हो रहा है। लखनऊ सहित कई जिलों में लू का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और जरूरी एहतियात बरतने की सलाह दी है।
बढ़ेगी गर्मी की मार: पछुवा हवाओं के साथ लू का अलर्ट, सावधानी ही सुरक्षा
Weather Alert Update: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत पूरे राज्य में अब गर्मी ने अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। बीते कुछ दिनों तक जहां मौसम ठंडक भरा और सामान्य से कम तापमान वाला था, वहीं अब सूरज की तपिश और पछुवा हवाओं के कारण प्रदेश के तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है।
गुरुवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान 38.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1.4 डिग्री कम था, जबकि न्यूनतम तापमान 21.5 डिग्री सेल्सियस रहा जो सामान्य से 2.8 डिग्री कम रहा। हालांकि मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि तापमान में यह अस्थायी राहत बहुत जल्द खत्म होने वाली है। मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले तीन से चार दिनों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है और राजधानी लखनऊ का तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की पूरी संभावना है। यह बढ़ती गर्मी लोगों के लिए खासी परेशानी का कारण बन सकती है।
पछुवा हवाओं ने बदला मौसम का रुख
बीते एक सप्ताह से लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में पुरवा हवाएं चल रही थीं, जिसके चलते मौसम ठंडा और अपेक्षाकृत सुहावना बना हुआ था। लेकिन सोमवार से मौसम में एक नया बदलाव देखा गया। अब पछुवा हवाओं का दौर शुरू हो चुका है। ये हवाएं गर्म और शुष्क होती हैं, जो सीधे राजस्थान और गुजरात जैसे गर्म क्षेत्रों से आती हैं। इन्हीं पछुवा हवाओं के कारण उत्तर प्रदेश में लू (Heatwave) की स्थिति बनने लगी है। दिन के समय तेज धूप और गर्म हवाओं के चलते शरीर का तापमान तेजी से बढ़ सकता है, जिससे हीट स्ट्रोक, थकावट, कमजोरी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों में “वार्म नाइट” यानी रात के तापमान में भी बढ़ोतरी हो सकती है। सामान्यतः गर्मी के मौसम में रात का तापमान गिरता है जिससे राहत मिलती है, लेकिन अब रातें भी गर्म रहेंगी, जिससे लोगों को आराम नहीं मिलेगा और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाएगा। विभाग के अनुसार, राज्य के कई इलाकों में अब हीटवेव की स्थिति बन रही है और लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। खासकर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बाहर कार्य करने वाले श्रमिकों के लिए यह मौसम अत्यंत खतरनाक हो सकता है।
मौसम विभाग ने इस बढ़ती गर्मी को देखते हुए एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें आम नागरिकों को गर्मी से बचने के लिए कई उपाय बताये गये हैं।
क्या करें
दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर निकलने से बचें, जब सूरज सबसे तीव्र होता है।
घर से बाहर निकलते समय सिर पर टोपी, गमछा या छाता लेकर निकलें।
हल्के, ढीले और सूती कपड़े पहनें जो पसीना सोखें और शरीर को ठंडा रखें।
खुद को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी पिएं।
ORS घोल, नींबू पानी, लस्सी, छाछ, चावल का पानी और ताजे पेय पदार्थ लें।
भोजन में हल्का और सुपाच्य खाना लें।
शारीरिक श्रम वाले कार्य सुबह या शाम के समय करें।
मजदूरों और खुले में काम करने वालों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
क्या न करें
चाय, कॉफी, शराब और कार्बोनेटेड ड्रिंक से बचें, ये शरीर को डिहाइड्रेट करते हैं।
बासी और भारी भोजन न करें।
धूप में सीधे चलने से बचें, खासकर बिना सिर ढके।
गर्भवती महिलाएं और बीमार व्यक्ति दोपहर में बाहर जाने से बचें।
गर्मी से जुड़े लक्षण और बचाव
गर्मी के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। नीचे दिए गए लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है:
थकान और कमजोरी
चक्कर आना या सिरदर्द
मतली या उल्टी
अत्यधिक पसीना
तेज बुखार
हीट रैश और ऐंठन
इन लक्षणों में से किसी की भी स्थिति गंभीर हो सकती है और समय पर उपचार जरूरी है।
बचाव के उपाय
मरीज को तुरंत छांव या ठंडी जगह पर ले जाएं।
ठंडे पानी का स्पंज करें या बर्फ लगाएं।
ORS या इलेक्ट्रोलाइट्स दें।
स्थिति गंभीर हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
किसानों और श्रमिकों के लिए चेतावनी
गर्मी का यह मौसम न केवल आम जनजीवन को प्रभावित करता है, बल्कि किसानों और मजदूरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। खेतों में काम करने वाले या निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को तेज धूप से दूर रहकर, शेड में काम करना चाहिए और बार-बार पानी पीते रहना चाहिए। राज्य सरकार को चाहिए कि श्रमिकों को गर्मी से राहत देने के लिए फील्ड में पानी, शेड और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधाएं सुनिश्चित करें।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार भारत के उत्तरी क्षेत्रों में इस समय प्रेशर सिस्टम का परिवर्तन हो रहा है, जिससे पछुवा हवाएं सक्रिय हुई हैं। इसके साथ ही, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) का असर कम होने के कारण अब गर्मी का प्रभाव बढ़ेगा। मई का महीना उत्तर भारत में सामान्यतः सबसे गर्म महीना होता है और आने वाले 2 सप्ताह तक इसी तरह का मौसम बना रह सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जून के पहले सप्ताह तक ही मानसून की कुछ राहत मिल सकती है।
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