15 जिलों में विशेष ध्यान
प्रदेश के 15 जिलों में, जहां टीबी के मामलों की दर अधिक है, अभियान को विशेष रूप से लागू किया गया है। इन जिलों में अयोध्या, सीतापुर, बाराबंकी, देवरिया, इटावा, अमेठी, बस्ती, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर और सुल्तानपुर शामिल हैं। इन जिलों में समुदाय आधारित प्रयासों के जरिए टीबी के अज्ञात मामलों की पहचान और उनके समय पर इलाज को प्राथमिकता दी जा रही है।
अभियान की प्रमुख उपलब्धियां
7 से 19 दिसंबर तक की अवधि में: 27 लाख से अधिक लोगों (27,00,377) की स्क्रीनिंग की गई। 35,451 व्यक्तियों का माइक्रोस्कोपी और 26,642 व्यक्तियों का एनएएटी परीक्षण किया गया। 2,20,520 टीबी रोगियों की पहचान हुई। 49,850 रोगियों को निक्षय पोषण योजना के तहत लाभान्वित किया गया। 1,96,520 लोगों को टीबी से बचाव के लिए उपचार प्रदान किया गया। निक्षय मित्र अभियान: सरकार ने सामुदायिक सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए निक्षय मित्र अभियान शुरू किया है, जिसके तहत टीबी रोगियों को गोद लिया जा रहा है। सामाजिक, धार्मिक और शैक्षिक संगठनों के सहयोग से व्यापक जागरूकता फैलाई जा रही है। यह पहल टीबी रोगियों को मानसिक और आर्थिक समर्थन प्रदान करने में मददगार साबित हो रही है।
उन्नत तकनीकों का उपयोग: टीबी निदान और उपचार को तेज और सटीक बनाने के लिए आधुनिक एनएएटी मशीनों और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स का उपयोग किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी टीबी के रोगियों तक सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीबी उन्मूलन के लिए जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने और समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया है। वे स्वयं अभियान की प्रगति की निगरानी कर रहे हैं और अधिकारियों को नियमित निर्देश दे रहे हैं।
जनता की भूमिका: योगी सरकार ने आमजन को भी इस अभियान में शामिल किया है। जनता को जागरूक करने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। शहरी और ग्रामीण इलाकों में टीबी की रोकथाम और उपचार के लिए विशेष कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए जा रहे हैं।
टीबी उन्मूलन का लक्ष्य: सरकार का उद्देश्य टीबी रोगियों की पहचान के साथ-साथ उनकी बेहतर देखभाल और समय पर उपचार के माध्यम से मृत्यु दर को कम करना है। इसके अलावा, व्यापक जागरूकता और एहतियातन कदमों के जरिए रोगियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ा जा रहा है।
रबी फसलों के मौसम में भी टीबी पर नियंत्रण: टीबी रोगियों की पहचान और इलाज के साथ-साथ सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि मौसमी बदलाव के दौरान भी टीबी के मामलों में वृद्धि न हो। स्वास्थ्य कर्मियों को टीबी से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे बेहतर सेवा प्रदान कर सकें।
अभियान का महत्व: यह अभियान न केवल स्वास्थ्य सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह उत्तर प्रदेश को स्वस्थ और समृद्ध बनाने में भी योगदान देगा। टीबी उन्मूलन के लिए सरकार द्वारा अपनाई गई रणनीति देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकती है।