आपको बता दें कि निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खातों में बच्चों की जरूरत की वस्तुओं को खरीदने के लिए प्रत्येक बच्चे की दर से 1200 रुपए भेजे जाते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली है।
आधार कार्ड की अनिवार्यता बनी बाधा
शिक्षकों की मानें तो विद्यालय में नामांकन के लिए बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य है। प्रवेश के लिए आने वाले बच्चों के पास आधार कार्ड न होने पर नामांकन तो किया जा रहा है। लेकिन जब तक आधार कार्ड नहीं मिल जाता, तब तक डीबीटी राशि के लिए उनका नाम नहीं भेजा जा सकता। बच्चों से आधार कार्ड मांगा जा रहा है। आंकड़ों के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग के पोर्टल पर 81824 प्रोन्नत बच्चाें का डाटा अपलोड किया गया है। 15 अप्रैल 2025 तक 4922 बच्चों का नवीन प्रवेश किया जा चुका है। विद्यालयों में एडमिशन करने की प्रक्रिया चल रही है। विभाग की तरफ से अब तक 80 हजार बच्चों का डाटा सत्यापन हो चुका है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद शासन की तरफ से बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी की राशि भेजी जाएगी।