scriptमऊ में अंबेडकर जयंती उत्सव पर गरजे सुब्रत पाठक, बोले- “संविधान जेब में रखने से नहीं, सम्मान देने से चलता है” | Subrat Pathak roared at Ambedkar Jayanti celebration in Mau: He said, the Constitution does not work by keeping it in the pocket, but by giving respect | Patrika News
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मऊ में अंबेडकर जयंती उत्सव पर गरजे सुब्रत पाठक, बोले- “संविधान जेब में रखने से नहीं, सम्मान देने से चलता है”

सुब्रत पाठक ने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने जो सपना देखा था, उसे आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार मूर्त रूप दे रही है। उनके सम्मान में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे।”

मऊApr 18, 2025 / 07:22 pm

Abhishek Singh

मऊ के पालिका कम्युनिटी हॉल में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की स्मृति में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे बीजेपी के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक, जिन्होंने डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचारों और संविधान निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान को याद किया।

डॉ. अंबेडकर के सपनों को साकार कर रही है भाजपा सरकार


अपने संबोधन में सुब्रत पाठक ने कहा, “डॉ. अंबेडकर ने जो सपना देखा था, उसे आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार मूर्त रूप दे रही है। उनके सम्मान में कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं ताकि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचे।”

पीडीए पर अखिलेश को घेरा, बोले– सिर्फ परिवार की राजनीति कर रहे हैं


राजनीति में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की चर्चा को लेकर सुब्रत पाठक ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “अखिलेश यादव की नजर में पीडीए सिर्फ उनका परिवार है। उन्हें बंगाल और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार नहीं दिखते। उनके लिए पीडीए में सिर्फ एक वर्ग ही आता है, बाकी पीड़ित उन्हें नजर नहीं आते।”

‘संविधान जेब में नहीं, आत्मा में होना चाहिए’


राहुल गांधी और अखिलेश यादव द्वारा बार-बार संविधान की बात करने पर सुब्रत पाठक ने कहा, “संविधान कोई गांव की चीज़ नहीं है जो जेब में आ जाए। जो लोग पीढ़ियों से संविधान का अपमान करते आए हैं, वही आज उसकी दुहाई दे रहे हैं।”

निर्विरोध सांसद चुने जाने पर उठाए सवाल


पूर्व सांसद ने तंज कसते हुए कहा, “आज एक प्रधान निर्विरोध नहीं चुना जाता और इनकी पत्नी निर्विरोध सांसद बन गईं। यह लोकतंत्र का नहीं, परिवारवाद का परिचायक है।”

वक्फ बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को बताया सरकार के पक्ष में

वक्फ बोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से अंतरिम रोक लगाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि “सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की बात मानी है, विपक्ष की नहीं। और जो भी कानून संसद पास करेगी, उसे सर्वोच्च न्यायालय को मानना ही होगा।”

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