बिना दस्तावेज स्वीकृत हुए करोड़ों के लोन
जांच में सामने आया कि लोन स्वीकृति के लिए आवश्यक बिल, दस्तावेज और बीमा से संबंधित प्रक्रिया को नजरअंदाज किया गया। साजिद अली ने 5 नवंबर 2022 से 10 मई 2024 तक शाखा प्रबंधक के रूप में कार्य किया, और इस दौरान वित्तीय अनियमितताओं को अंजाम दिया।
वरिष्ठ प्रबंधक की शिकायत पर दर्ज हुआ केस
वर्तमान वरिष्ठ शाखा प्रबंधक योगेश कुमार ने साजिद अली और लोन प्राप्त करने वाले 24 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन का मामला दर्ज कराया है। यह केस मझोला के बुद्धि विहार निवासी योगेश कुमार की शिकायत पर दर्ज किया गया है, जिसके आधार पर आर्थिक अपराध शाखा, लखनऊ के डीजी के आदेश पर पाकबड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया।
एसपी सिटी का बयान
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि 2 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि के गबन का मामला होने के कारण इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा से कराई जाएगी।
जिन्हें लोन स्वीकृत किया गया
साजिद अली के कार्यकाल में जिन 24 व्यक्तियों को फर्जी तरीके से बिजनेस लोन दिए गए, उनके नाम इस प्रकार हैं – मो. शाहरून हारून, मो. फैज, मो. अनस, मो. इरफान, मो. शरीफ, मो. यामीन, नाजिम, मो. आबिद सुभान, शाहिदा बेगम, एमएस, एमए कंस्ट्रक्शन एंड सप्लाई, परवीन जहां, मुजस्सिम अली, इरशाद, नौशाद हुसैन, आकाश दीप, निसार अली, एनएम फर्नीचर, अमान कंटसन, मो. साहिल, रमेश सिंह, मो. इमरान, राशिद हुसैन और मो. जर्रार।
अब आर्थिक अपराध शाखा करेगी जांच
बैंक के भीतर हुए इस बड़े घोटाले से बैंकिंग सिस्टम की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब आर्थिक अपराध शाखा पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।