ईरान के परमाणु संयंत्रों पर अमेरिकी हमले पर उठाए सवाल
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए एसटी हसन ने कहा, इजरायल की अपनी कोई हैसियत नहीं है। अमेरिका इस युद्ध में शुरू से इजरायल के साथ है। रविवार को वो खुलकर सामने आ गया और ईरान के परमाणु संयंत्रों को बड़ा नुकसान पहुंचाया। एक तरफ ट्रंप चाहते हैं कि उन्हें नोबेल पुरस्कार मिले लेकिन दूसरी तरफ वह बम बरसा रहे हैं। उन्होंने अशांति फैलाने के लिए अपने पालतू जानवर इजरायल को छोड़ा हुआ है।
भारतीय मुसलमानों के भावनात्मक जुड़ाव की बात
कांग्रेस की ओर से ईरान को समर्थन देने की बात को सही बताते हुए एसटी हसन ने कहा, “भारत के अंदर मुसलमानों की बड़ी संख्या है। मुसलमानों के जज्बात ईरान के साथ जुड़े हुए हैं। ईरान ने हमारा हमेशा साथ दिया है। इजरायल ने मुसलमानों पर जुल्म किया है और ऐसा जुल्म किया है, जो पहले नहीं हुआ था। इसके बावजूद सरकार इजरायल को क्यों बर्दाश्त कर रही है। इजरायल के साथ ऐसे क्या इंटरेस्ट हैं, जो भारत के मुस्लिम देशों के साथ नहीं है?” कांग्रेस की ईरान समर्थक नीति का समर्थन
बता दें कि कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक लेख लिखा है, जिसमें भारत सरकार से ईरान-इजरायल युद्ध में ईरान का समर्थन करने की मांग की है। उन्होंने लिखा, “गाजा और ईरान में इजरायल ने तबाही मचाई है। भारत सरकार को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और ईरान में हो रहे हमलों को लेकर स्पष्ट, जिम्मेदार और मजबूत आवाज में बोलना चाहिए। अभी भी देर नहीं हुई है।