इंदिरा नूयी, नडेला और पिचाई के क्लब में शामिल
इस पदोन्नति के साथ ही सबीह खान उन भारतीय मूल के दिग्गजों की सूची में शामिल हो गए हैं जो वैश्विक कंपनियों में शीर्ष पदों तक पहुंचे हैं। सत्य नडेला (माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ), सुंदर पिचाई (गूगल और अल्फाबेट के सीईओ) और इंदिरा नूयी (पूर्व पेप्सिको सीईओ) जैसे नाम अब उनके समकक्ष माने जा रहे हैं।
30 साल की सेवा के बाद कंपनी के शीर्ष पर पहुंचे
सबीह खान वर्ष 1995 में एप्पल से जुड़े थे और 2019 में परिचालन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में कार्यकारी टीम में शामिल हुए। लगभग 30 वर्षों की मेहनत और समर्पण के बाद उन्होंने कंपनी के शीर्ष नेतृत्व में अपनी जगह पक्की कर ली है।
मुरादाबाद में जश्न का माहौल, निर्यातकों ने दी बधाई
सबीह खान की इस उपलब्धि से मुरादाबाद शहर में खुशी की लहर है। वह शहर के प्रसिद्ध ब्रास एक्सपोर्टर यार मोहम्मद खान के परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता सईद खान, मूल रूप से रामपुर के निवासी थे, जो बाद में मुरादाबाद आकर पीतल के कारोबार से जुड़े और फिर सिंगापुर चले गए।
सेंट मैरी स्कूल से अमेरिका तक का सफर
सबीह खान की प्रारंभिक शिक्षा मुरादाबाद के सेंट मैरी स्कूल में हुई, जहां उन्होंने पांचवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद वह विदेश चले गए और अमेरिका में उच्च शिक्षा प्राप्त की। तकनीक और प्रबंधन के क्षेत्र में गहरी समझ रखने वाले खान ने एप्पल में अपनी मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल किया।
‘पूरे देश के लिए गौरव का विषय’: हैंडीक्राफ्ट एसोसिएशन
मुरादाबाद हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सबीह खान को बधाई देते हुए कहा कि यह न केवल मुरादाबाद बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। छोटे शहरों से निकलकर वैश्विक टेक्नोलॉजी लीडर बनने का जो सपना हर युवा देखता है, उसे सबीह खान ने साकार कर दिखाया है। सबीह खान की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि किसी छोटे शहर से भी निकलकर वैश्विक मंच पर छा जाना संभव है, बशर्ते मेहनत और लगन सच्ची हो। एप्पल में उनकी नई भूमिका मुरादाबाद समेत पूरे भारत के युवाओं को प्रेरित करेगी।