सीएम फडणवीस ने इस मामले पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, “मैं कल्याण-डोंबिवली मामले को लेकर अहम बैठक कर रहा हूं। जरूरतमंदों को बचाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगे। विधायक रविंद्र चव्हाण ने इस मामले को मेरे संज्ञान में लाया है। पुलिस को आरोपी बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सवाल यह है कि असली खरीदारों को कैसे नियमित किया जाए, इस पर कानूनी रास्ता निकालना होगा। कुछ इमारतें सरकारी जमीन पर भी बनी हैं।”
यह मामला कल्याण-डोंबिवली महापालिका क्षेत्र के 65 इमारतों के अवैध रेरा रजिस्ट्रेशन से जुड़ा हैं। इन इमारतों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर महारेरा (MahaRERA) में पंजीकृत किया गया था। अब जब यह घोटाला उजागर हुआ है, तो अदालत के आदेश के मुताबिक इन अवैध इमारतों पर कार्रवाई की जा रही है। महापालिका ने कुछ इमारतों को पहले ही गिरा दिया है, लेकिन 48 इमारतों को तोड़ने की प्रक्रिया अभी बाकी है।
न्यायालय ने पहले ही आदेश दिया था कि सभी 65 अवैध इमारतों को गिराया जाए। जिसके बाद इनमें से कुछ इमारतों को नगर निगम ने तोड़ दिया। लेकिन कुछ निवासियों ने अदालत में अपील कर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की। अब जब उनकी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं, तो 48 इमारतों पर बुलडोजर चलाने का रास्ता साफ हो गया है।
रहवासियों का कहना है कि उन्होंने अपनी जिंदगीभर की जमा पूंजी लगाकर इन इमारतों में घर खरीदे, बैंक ने भी कर्ज दिया, और अब घर खाली करने का आदेश आया है। इस पूरे मामले में उनकी गलती क्या है?
हालांकि अदालत के फैसले के बाद महापालिका ने इमारतें खाली कराने की प्रक्रिया तेज कर दी है। नागरिकों का आरोप है कि उन्हें डराया-धमकाया जा रहा है और बलपूर्वक घर खाली करवाने का दबाव बनाया जा रहा है। इस घोटाले के संबंध में पुलिस में मामला भी दर्ज किया है।