शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, “इंडिया गठबंधन निश्चित रूप से सर्वाइव करेगा। अगर हम इंडिया गठबंधन को जिंदा नहीं रखेंगे, तो विपक्ष नहीं बचेगा, ये (BJP) लोग ताकतवर है, विपक्ष को मार देंगे… ये सही है कि इंडिया गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए बना था, लेकिन इसे बरकरार रखना देश की जरूरत है…”
उद्धव गुट के राज्यसभा सांसद राउत ने आगे कहा, “हमने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव कार्यकर्ताओं का चुनाव है, वहां गठबंधन करना मुश्किल होता है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं है कि विधानसभा और लोकसभा में गठबंधन होगा… जिस तरह की खबरें आ रही हैं कि इंडिया गठबंधन या महाविकास अघाड़ी (MVA) टूट गई है, ऐसा नहीं है…”
इससे पहले राउत ने कहा था कि गठबंधन में शामिल दलों के बीच संवाद बनाये रखने के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार कांग्रेस है, क्योंकि वह विपक्षी इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने दावा किया कि 2019 में अविभाजित शिवसेना-बीजेपी गठबंधन दोनों दलों के बीच संवाद बंद होने के कारण टूटा था। अगर संवाद टूट गया तो कोई भी गठबंधन सफल नहीं हो सकता है।
‘इंडिया’ और एमवीए गठबंधनों में उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं।
‘बिखर चुका है इंडिया गठबंधन’
शिवसेना (शिंदे गुट) नेता संजय निरुपम ने संजय राउत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, विपक्षी गठबंधन जिंदा है या जिंदा रहना चाहिए, ये दो अलग-अलग चीजें हैं क्योंकि सच्चाई ये है कि इंडिया गठबंधन बिखर चुका है। मूल रूप से इंडिया गठबंधन एक गलत नोट पर शुरू हुआ था… इसमें कई ऐसे दल थे जिनकी विचारधाराएं एक-दूसरे से मेल नहीं खातीं… अब जब दिल्ली चुनाव आ रहे हैं, तो उन्हें एहसास हो गया है कि वे एक-दूसरे के साथ नहीं रह सकते। कांग्रेस पार्टी एक बड़ी पार्टी है लेकिन कांग्रेस एक स्वार्थी पार्टी है जिसका नतीजा है कि वे दिल्ली में आप के खिलाफ लड़ रहे हैं। अरविंद केजरीवाल को लगता है कि कांग्रेस उनके वोट काट सकती है इसलिए वे इंडिया गठबंधन के अन्य दलों के साथ लॉबिंग कर रहे हैं… अब वे इंडिया गठबंधन में एक नया गठबंधन बनाने की तैयारी कर रहे हैं जिसमें कांग्रेस पार्टी नहीं है।”