मुझे रमी खेलना नहीं आता, कोकाटे ने दी सफाई
विवाद बढ़ता देख मंत्री कोकाटे ने सफाई देते हुए कहा कि वह सिर्फ एक विज्ञापन था जो स्क्रीन पर आ गया था, वह उसे हटा रहे थे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, मैं रमी खेलना ही नहीं जनता हूं। इसके लिए बैंक खाते को जोड़ना पड़ता है। मैं सिर्फ विज्ञापन हटा रहा था। हालांकि उनकी इस सफाई का विपक्ष पर कोई असर नहीं पड़ा। रोहित पवार ने आज फिर कोकाटे का रमी खेलते हुए कथित वीडियो एक्स पर शेयर किया है और पूछा कि कौन सा विज्ञापन हटाने में 42 सेकंड का समय लगता है। वह अब सच छुपाने के लिए कोर्ट जाने कि धमकी दे रहे है।
केंद्रीय कृषि मंत्री से शिकायत
इस वीडियो के बाद मामला और गरमा गया। इस बीच विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) के सांसदों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर कोकाटे की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की। यह जानकारी शरद गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने एक्स पर पोस्ट कर दी है. उन्होंने कहा, “राज्य को एक ऐसे कृषि मंत्री की जरूरत नहीं है जो विधानसभा में गेम खेले और किसान विरोधी बयानबाजी करे। उनकी वादग्रस्त भाषा और असंवेदनशील रवैये से महाराष्ट्र की संस्कृति को धक्का पहुंचा है। किसानों के मुद्दों की समझ रखने वाले संवेदनशील मंत्री की आवश्यकता महाराष्ट्र को है।”
अजित दादा लेंगे एक्शन?
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे से जुड़े इस विवाद पर एनसीपी (अजित गुट) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी नाराजगी जताई है। तटकरे ने यह भी कहा कि कोकाटे के इस्तीफे पर फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित पवार लेंगे। उन्होंने कहा, “जो हुआ वह अनुचित था। कृषि जैसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण विभाग को संभालने वाले मंत्री को किसानों के कल्याण के लिए, खासकर कृषि संकट के समय, ज़िम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करना चाहिए। जो हुआ, वह सही नहीं है। पार्टी उचित निर्णय लेगी।” अजित पवार के करीबी तटकरे ने मंत्री कोकाटे द्वारा दी गई सफाई को भी नकारते हुए कहा कि यह कहना गलत है कि वह सिर्फ एक विज्ञापन हटा रहे थे। उन्होंने यह भी बताया कि डिप्टी सीएम अजित पवार ने पहले भी कोकाटे को विवादास्पद बयानों पर फटकार लगाई थी।
कोकाटे पहले भी रहे हैं विवादों में
यह पहली बार नहीं है जब एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे विवादों में आए हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि किसान कृषि योजनाओं से मिलने वाली राशि का इस्तेमाल सगाई और शादी समारोहों में करते हैं। साथ ही उनके फसल बीमा और कर्जमाफी पर दिए गए बयान भी बीजेपी नीत महायुति सरकार कि किरकिरी करवा चुके हैं। हालांकि अब सबकी निगाहें एनसीपी प्रमुख अजित पवार के फैसले पर टिकी हैं। विपक्ष के साथ-साथ उनकी अपनी पार्टी के नेता भी कोकाटे के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस मामले पर नाराजगी जाता चुके है।