सोमवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के सदस्यों ने सपकाल की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की। बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं ने इसे महाराष्ट्र का अपमान बताते हुए कांग्रेस नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद बीजेपी नेता प्रवीण डेरेकर ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि राज्य का शासन कुशल ढंग से चला रहे मुख्यमंत्री की तुलना औरंगजेब से करना एक अत्यधिक निंदनीय कृत्य है और महाराष्ट्र का अपमान है।
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की तुलना औरंगजेब से करना न केवल निंदनीय है बल्कि यह पूरे राज्य का अपमान भी है। सपकाल के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाए। विधानपरिषद में इस बयान को लेकर इतना हंगामा हुआ कि सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विधानसभा में कहा कि सपकाल की टिप्पणी का सत्यापन किया जाएगा और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि कुछ लोग सिर्फ अपने वरिष्ठ नेताओं को खुश करने और सुर्खियों में बने रहने के लिए इस तरह की टिप्पणियां करते हैं, लेकिन इससे उनका असली चेहरा उजागर हो जाता है और वोट घट जाते है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी महत्वपूर्ण पद पर बैठे व्यक्ति के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी की जाती है, तो इसकी पूरी जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने व्यक्तिगत हमलों से बचने की सलाह दी, लेकिन साथ ही सरकार की ‘औरंगजेब जैसी मानसिकता’ पर सवाल खड़े किए। जबकि कांग्रेस नेता भाई जगताप ने आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए दावा किया कि हर्षवर्धन सपकाल ने ऐसा कोई बयान दिया ही नहीं है।
इस दौरान सदन में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आश्वासन दिया कि सरकार सपकाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर गंभीरता से विचार करेगी।
क्या है मामला?
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख सपकाल ने रविवार को कहा था, ‘‘औरंगजेब एक क्रूर शासक था। वर्तमान में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उतने ही क्रूर शासक हैं। वह हमेशा धर्म से जुड़े मुद्दों को उठाते हैं, लेकिन सरपंच संतोष देशमुख की हत्या जैसे मामलों पर कुछ नहीं करते।’’