उन्होंने कहा, “हम संतरे के छिलके का इस्तेमाल तेल निकालने के लिए करेंगे। इस प्लांट की कुल लागत 1500 करोड़ रुपये होगी और इस पर 1000 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। यह जूस और खाद्य प्रसंस्करण का एशिया का सबसे बड़ा प्लांट है।”
जूस में कोई मिलावट नहीं होगी- रामदेव
पत्रकारों से बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, “मिहान यह प्लांट रोजाना 800 टन संतरे का जूस प्रोसेस करने की क्षमता रखता है। इसके शुरू होने के बाद कोई मिलावट नहीं होगी, इसमें एक फीसदी भी चीनी और पानी भी नहीं मिलायी जाएगी। यह 100 फीसदी संतरे का जुड़ होगा। प्राकृतिक तरीके से जूस तैयार किया जाएगा। इससे किसानों को समृद्धि मिलेगी।“
नर्सरी का भी प्लान
उन्होंने कहा, “संतरे के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक अच्छी नर्सरी तैयार करेंगे, जिससे बेहतरीन पौधे मिल सकें। अन्य फलों का भी प्राकृतिक तरीके से जूस निकालने का काम करेंगे। संतरे के निर्यात के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। विदर्भ से सटे गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों से संतरा लाने की योजना भी है। जय जवान, जय किसान, जय मिहान! महाराष्ट्र का यह सपना हम पूरा करेंगे।”