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मुंबई

महाकुंभ और गंगाजल पर राज ठाकरे का विवादित बयान, BJP-शिवसेना भड़की, कहा- घर बैठकर…

Raj Thackeray on Mahakumbh Mela 2025 : राज ठाकरे ने कहा कि हमारे देश में एक भी नदी साफ नहीं है, फिर भी हम इन नदियों को माता मानते हैं। विदेश में नदी को माता भी नहीं कहते फिर भी वह साफ होती है।

मुंबईMar 10, 2025 / 12:40 am

Dinesh Dubey

Raj Thackeray on Maha Kumbh
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) की आज (9 मार्च) 19वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर पुणे के चिंचवड में रामकृष्ण मोरे ऑडिटोरियम में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान अपने संबोधन में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने प्रयागराज महाकुंभ के पवित्र स्नान का मजाक उड़ाया। उन्होंने गंगाजल को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कही है। राज ठाकरे के बयान पर बीजेपी और शिवसेना के दोनों गुटों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के 19वें स्थापना दिवस पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए महाकुंभ मेला 2025 को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वह गंगा के पानी को न छू सकते हैं और न ही पी सकते हैं क्योंकि इतने लोगों द्वारा स्नान करने के बाद यह पानी साफ नहीं हो सकता है। ठाकरे ने कहा कि उन्हें कुछ लोगों ने बताया कि महाकुंभ से लौटने के बाद वह बीमार पड़ गए।
राज ठाकरे ने कहा, “मैं उस गंगा के गंदे पानी को भी नहीं छू सकता हूं, जहां करोड़ों लोग नहा चुके हैं। जब मुझे बाला नंदगांवकर (मनसे नेता) ने गंगा का पानी पीने के लिए दिया तो मैंने साफ इनकार कर दिया और कहा कि गंगा का पानी जहां सैकड़ों लोग स्नान करते हैं, वह साफ नहीं हो सकता। मैं सोच रहा था, कौन पीएगा वह पानी?”
उन्होंने सवाल उठाया कि “अगर लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए प्रयागराज गंगा में स्नान करने गए, तो क्या वे सच में अपने पापों से मुक्त हो सकते हैं?” राज ठाकरे ने इस दौरान यह भी कहा कि गंगा के पानी में इतने लोगों ने स्नान किया है तो यह पानी साफ नहीं हो सकता।

अंधविश्वास को समझें…

राज ठाकरे ने आगे बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर महाकुंभ के वीडियो देखे है, जिसमें पुरूष और महिला सभी ​रगड़-रगड़ कर गंगा में स्नान कर रहे थे। उन्होंने कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए कहा, “हम दो साल तक मास्क लगाकर घूमते रहे, और अब लोग गंगा में जाकर स्नान कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि दिमाग का इस्तेमाल करके विश्वास और अंधविश्वास के बीच का अंतर समझिए।
मनसे अध्यक्ष ठाकरे ने इस मुद्दे को गंगा की सफाई से जोड़ते हुए कहा, मैं राजीव गांधी के जमाने से सुन रहा हूं कि गंगा साफ होगी, राज कपूर ने इस पर फिल्म भी बनाई, लेकिन गंगा आज तक साफ नहीं हो पाई। हमारे देश की कोई भी नदी साफ नहीं है, फिर भी नदियों को माता मानते हैं। विदेशों में नदियां साफ सुथरी होती हैं, लेकिन वहां नदियों को माता नहीं माना जाता।
डेढ़ महीने तक चले महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया था। यह एक विश्व रिकॉर्ड है। दुनिया में अभी तक किसी भी आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा नहीं हुए है।

BJP-शिवसेना का पलटवार

राज ठाकरे पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने कहा, “मैंने खुद अपने परिवार के साथ कुंभ मेले में पवित्र स्नान किया है। नेता, अभिनेता, उद्योगपति, साधु-संत सभी लोग महाकुंभ में स्नान करने गए थे। मेरा खुद का अनुभव है कि देशभर से करोड़ों लोग संगम पर पहुंचे थे और वहां का पानी साफ था। इसलिए जो लोग वहां गए ही नहीं, वे घर बैठकर गंगा के पानी को गंदा बता रहे है, जो कि गलत है। यह उन 57 करोड़ श्रद्धालुओं की आस्था पर सवाल है।“
राज ठाकरे के बयान पर शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने कहा, “करोड़ों लोगों को महाकुंभ में धर्म और आस्था की भावना दिखाई दी… अब राज ठाकरे को लग रहा है कि गंगा नदी का पानी बहुत प्रदूषित है… राज ठाकरे को यह समझना चाहिए कि यदि वे दूसरों की भावनाओं का सम्मान नहीं कर सकते तो कम से कम उन्हें जिनकी इसमें (महाकुंभ) भावना और आस्था है उनका अपमान नहीं करना चाहिए… बीजेपी को भी राज ठाकरे से पूछना चाहिए कि क्या राज ठाकरे का यह बयान हिंदू धर्म का अपमान नहीं है?”
वहीँ, शिवसेना (शिंदे गुट) सांसद श्रीकांत शिंदे ने कहा कि राज ठाकरे का बयान करोड़ों लोगों की आस्था का अपमान है। करोड़ों लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और उनकी भावना को ठेस पहुंचाना बिल्कुल गलत है।

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