राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने पत्रकारिता से जुड़े अपने पुराने अनुभवों को साझा करते हुए एक रोचक किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि उन्होंने और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने कभी मिलकर एक मासिक पत्रिका शुरू करने की कोशिश की थी, लेकिन वह असफल रहे।
83 वर्षीय पवार बुधवार को अखिल भारतीय मराठी पत्रकार परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पत्रकारों को अपनी बेबाक शैली में अपना अनुभव साझा किया। यह कार्यक्रम पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था।
अपने संबोधित में शरद पवार ने कहा, “मेरा पत्रकारिता से कुछ नाता जरूर रहा है। अगर वह प्रयोग सफल हो जाता, तो शायद आज मैं भी अखिल भारतीय मराठी पत्रकार परिषद से कोई सम्मान प्राप्त कर रहा होता।”
मजाकिया लहजे में वरिष्ठ नेता ने कहा, “एक समय बालासाहेब ठाकरे, मैं और मेरे कुछ मित्रों ने मिलकर एक मासिक पत्रिका शुरू करने का निर्णय लिया था। सभी ने इसमें 5,000 रुपये का निवेश किया। हमारा उद्देश्य था कि यह पत्रिका अंग्रेजी की प्रसिद्ध ‘टाइम’ मैगज़ीन की तरह हो। हमने पूरी उम्मीद से पहला अंक निकाला… लेकिन वह पहला अंक निकलने के बाद दोबारा कभी नहीं दिखा।”
पुराने दिनों की रोचक यादें साझा करने के साथ ही शरद पवार ने इस मौके पर पत्रकारिता के महत्व और उसकी चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में पत्रकारिता एक बेहद चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है और आज भी पत्रकार समाज की सच्चाई सामने लाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त कर रहे पत्रकारों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, “मुझे उम्मीद है कि आप पत्रकारिता के मूल्यों को संरक्षित करके लोकतंत्र में महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे।”
Hindi News / Mumbai / 5000 रुपये से शरद पवार ने शुरू किया था एक वेंचर, बाल ठाकरे भी थे पार्टनर- सालों बाद एनसीपी चीफ ने याद की वो नाकामी