क्या है मामला?
पिछले कुछ दिनों से उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) में बेचैनी साफ नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव में करारी हार से पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ गई है। कुछ नेताओं ने नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जताया है, तो कुछ ने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया है। इसी बीच किशोर तिवारी ने एक न्यूज चैनल पर चर्चा के दौरान ठाकरे गुट के बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने पार्टी सांसद संजय राउत, विनायक राउत, अरविंद सावंत और मिलिंद नार्वेकर पर ‘मातोश्री’ और ‘सेना भवन’ पर कब्जा करने का आरोप लगाया। साथ ही, उन्होंने कहा कि जनाधार वाले नेताओं को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया गया और चुनाव में हार के लिए इन नेताओं को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
किशोर तिवारी पार्टी से आउट
इस बयान के बाद शिवसेना (यूबीटी) ने तुरंत एक्शन लिया और किशोर तिवारी को प्रवक्ता पद से हटाने के साथ-साथ पार्टी से भी बाहर कर दिया। शिवसेना (यूबीटी) के केंद्रीय कार्यालय द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किया गया। किशोर तिवारी की बर्खास्तगी ने शिवसेना के अंदर की गुटबाजी और असंतोष को और उजागर कर दिया है। इसे पार्टी के भविष्य के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। आने वाले दिनों में शिवसेना के अंदर का यह संघर्ष और बढ़ सकता है। हालांकि डैमेज कंट्रोल के लिए खुद उद्धव ठाकरे ने मोर्चा संभाला है और उन्होंने मातोश्री में पार्टी के सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सांसदों की बैठक 20 फरवरी को हुई, जबकि विधायकों की बैठक 25 फरवरी को होगी।