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Nagaur patrika…विभाग नहीं दे रहा आवश्यक दस्तावेज तो कैसे होगी एफआईआर

दस्तावेजों के अभाव में चारों कॉलेजों के खिलाफ नहीं हो पाई एफआईआर-कोतवाली पुलिस ने गड़बड़ी से जुड़े मांगे तथ्य, विभाग ने नहीं कराया उपलब्धनागौर . सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में करीब 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खुर्दबुर्द होने के मामले में आवश्यक तथ्यात्मक दस्तावेजों के अभाव में फर्जी पााए […]

नागौरJun 10, 2025 / 10:17 pm

Sharad Shukla

दस्तावेजों के अभाव में चारों कॉलेजों के खिलाफ नहीं हो पाई एफआईआर
-कोतवाली पुलिस ने गड़बड़ी से जुड़े मांगे तथ्य, विभाग ने नहीं कराया उपलब्ध

नागौर . सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप में करीब 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खुर्दबुर्द होने के मामले में आवश्यक तथ्यात्मक दस्तावेजों के अभाव में फर्जी पााए गए चारों कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर नहीं हो पाई। विभागीय अधिकारियों की ओर से से एफआईआर के लिए परिवाद तो लिखकर दिया गया, लेकिन कोतवाली पुलिस की ओर से इस संबंध में जरूरी कागजात मांगे जाने पर विभाग अब तक उपलब्ध नहीं करा पाया। जबकि इस संबंध में सप्ताह भर पहले ही निदेशालय से चारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश आ गए थे। इसकी वजह से एफआईआर नहीं हो पा रही है। सूत्रों के मुताबिक एफआईआर होने मेें जितना भी विलंब होगा, इसका फायदा इसके शातिरों को ही मिलेगा। इसके बाद भी विभाग की ओर से आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए जाने से विभागीय अधिकारियों की नीयत पर सवाल उठने लगा है। इधर नागौर के पूर्व उपनिदेशक ने भी साइबर थाना एवं एसपी को परिवाद देकर उनकी आईडी को हैक कर इसके माध्यम से हुए फर्जीवाड़े के जांच की मांग की है। गौरतलब है कि रवीन्द्र नाथ टैगोर लॉ कॉलेज कालवा फाटक, मकराना, राज टैगोर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रियाबड़ी, गुरुकृपा महाविद्यालय, पलाड़ा कुचामनसिटी, गुरुकुल कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट पलाड़ा, कुचामनसिटी के खिलाफ विभाग के छात्रवृति के अतिरिक्त निदेशक अशोक कुमार की ओर से नागौर उपनिदेशक रामदयाल मांजू को एफआईआर कराए जाने के निर्देश दिए गए थे। बताते हैं कि विभागीय अधिकारियेां के अनुसार जिले के विभागीय उपनिदेशक रामदयाल मांजू से कोतवाली पुलिस की ओर से प्राथमिक जांच रिपोर्ट, गड़बड़ी करने वाले तथ्यों के आवश्यक दस्तावेज मांगे गए हैं। पुलिस की ओर से यह कागजात मांगे जाने के बाद भी विभाग की ओर से अब तक यह दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाया है। सूत्रों के अनुसार एफआईआर नहीं होने का फायदा सीधा शातिरों को मिलेगा।
साइबर थाने में दिया परिवाद
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पूर्व उपनिदेशक किसनाराम लोल ने साइबर थाने एवं जिला पुलिस अधीक्षक को परिवाद दिया है। दिए गए परिवाद में कहा गया कि उनकी आईडी हैक कर गड़बड़ी की गई है। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
इनका कहना है…
चारों फर्जी कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोतवाली थाने में रिपोर्ट दे दी गई है,लेकिन एफआईआर अभी तक नहीं हो पाई है।
रामदयाल मांजू, उपनिदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग

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