अधिकारी और जनप्रतिनिधि कई बार दे चुके जांच के निर्देश ठेकेदार ने आरओबी में ‘यू’ आकार का ऐसा मोड़ दिया है, जो दुर्घटना का बड़ा कारण बना हुआ है। हालांकि यह जांच का विषय है कि क्या आरओबी की ड्राइंट शुरू से ही ऐसी थी, या फिर फाटक के पास आने वाली दुकानों को बचाने के लिए बाद में इसमें खतरनाक मोड़ दिए गए। फरवरी 2024 में टेंकर पलटने के बाद तत्कालीन जिला कलक्टर ने एनएच के अधिकारियों से इसकी रिपोर्ट भी मांगी थी। इसके बाद सांसद हनुमान बेनीवाल ने केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर आरओबी की डिजायन में की गई छेड़छाड़ की जांच कराने व सुधार की मांग की थी। गत दिनों नागौर दौरे पर आए नागौर के प्रभारी सचिव प्रवीण गुप्ता ने भी इसकी सडक़ सुरक्षा की जांच कराने के निर्देश दिए थे।
पत्रिका ने समय-समय पर उठाया मुद्दा मानासर रेलवे क्रॉसिंग (सी-64) पर बने 1173 मीटर लम्बे व 11 मीटर चौड़े आरओबी के लिए सरकार ने वर्ष 2018 में 29.23 करोड़ स्वीकृत किए थे। 7 जून 2018 को तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री पुरषोत्तम रूपाला व सीआर चौधरी ने इस आरओबी का शिलान्यास किया। ठेकेदार एजेंसी को आरओबी का काम 15 महीने में यानी दिसम्बर 2019 तक पूरा करना था, लेकिन पांच साल बाद काम पूरा किया और अक्टूबर 2023 में बिना किसी औपचारिक उद्घाटन के आरओबी पर यातायात चालू कर दिया। आरओबी की ड्राइंट में छेड़छाड़ और गुणवत्ता को लेकर राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर समाचार प्रकाशित कर मुद्दा उठाया, जिसके बाद सांसद बेनीवाल ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से मिलकर उन्हें पत्र सौंपकर ओवरब्रिज की अप्रूव्ड डिजाइन के साथ की गई छेड़छाड़ तथा निर्माण में रखी गई तकनीकी खामियों से अवगत करवाया। बेनीवाल ने कहा कि इस ब्रिज को सर्पाकार बना दिया। मोड़ व मध्य के निर्माण में पर्याप्त सुपर एलिवेशन नहीं होने से हर रोज हादसे हो रहे हैं, जिसके बाद मंत्री ने जांच टीम भेजने की बात कही, लेकिन सुधार नहीं हो पाया।
अब मिर्धा ने लिखा मंत्री को पत्र भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ ज्योति मिर्धा ने केंद्रीय सडक़,परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर नागौर के मानासर ओवरब्रिज की गुणवत्ता और ड्राइंग की खामियों के बारे में बताते हुए उन्हें ठीक करने की मांग की है। उन्होंने उच्च स्तरीय जांच करवाकर कार्य में लापरवाही बरतने वाले कार्मिकों एवं निर्माण एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। ड्रॉइंग में त्रुटियों के चलते यहां आए दिन हादसे हो रहे हैं और यह स्थान ब्लैक स्पॉट बनता जा रहा है। हाल ही में ब्रिज क्षतिग्रस्त होने से निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं। इसलिए ओवरब्रिज की गुणवत्ता व ड्रॉइंग की जांच कराएं।
बुधवार तक आएगी टीम आरओबी में छेद को ठीक करने के लिए हमने बाहर से विशेषज्ञों की टीम बुलाई है, जो बुधवार तक यहां पहुंच जाएगी और संभवत: उसी दिन मरम्मत का काम शुरू कर देगी। हमने ठेकेदार को भी नियम व शर्तों के अनुसार नोटिस देकर सूचित किया है, लेकिन उसके आने का इंतजार नहीं करेंगे। हमारा प्रयास है कि जल्द से जल्द मरम्मत करवाकर यातायात सुचारू करवाएं।
– दीपक परिहार, एक्सईएन, एनएच, नागौर खंड