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Rajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज कैसे कराए यात्रा? बसें रह गईं आधी, बची हुई में भी 30 प्रतिशत खटारा

Rajasthan Roadways: आठ साल में रोडवेज की बसें आधी रह गई और जो बची हैं उनमें से भी 30 प्रतिशत खटारा हैं जो कभी भी रास्तें यात्रियों को अटकाकर खड़ी हो जाती है।

नागौरJan 26, 2025 / 07:39 am

Anil Prajapat

शरद शुक्ला
नागौर। आठ साल में रोडवेज की बसें आधी रह गई और जो बची हैं उनमें से भी 30 प्रतिशत खटारा हैं जो कभी भी रास्तें यात्रियों को अटकाकर खड़ी हो जाती है।

राजस्थान परिवहन निगम के बस बेड़े में मात्र 2900 बसें रहने से निगम की हालत गड़बड़ाई हुई है। 2900 बसों में भी करीब 863 बसें कंडम श्रेणी की हैं। यात्रियों की जान जोखिम में डाल इन्हें भी मार्ग पर चलाया जा रहा है, जबकि वर्ष 2016 तक निगम के बस बेड़े में 5700 बसें थीं।
सरकार ने 500 नई बसें खरीद कर दी हैं और 800 बसें अनुबंध पर लेने की घोषणा की हैं, लेकिन ये रोडवेज के बेड़े में शामिल नहीं हुई है। सूत्रों का कहना है कि इन नई बसों को शामिल करने के बाद भी निगम बेहतर स्थिति में नहीं आ सकता।
निगम को प्रदेशभर के लिए 2500 बसों की आवश्यकता है। सरकार ने महज 1300 गाड़ियों का प्रबंध किया है। इनमें भी 300 बसें इलेक्ट्रिक रहेंगी, जो एनसीआर क्षेत्र के लिए चलेगी। कुल मिलाकर बसों की कमी से रोडवेज को घाटा झेलना पड़ेगा।

ये है प्रावधान

निगम से मिली जानकारी के अनुसार मार्ग पर चलाने के लिए रोडवेज की बस आठ साल से ज्यादा पुरानी या नौ लाख किलोमीटर से ज्यादा नहीं चली होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में बस को कंडम घोषित करने की सिफारिश की जाती है। बस संचालन से दुर्घटना का अंदेशा रहता है। वर्तमान में लंबी दूरी की ज्यादातर बसों में बैटरी, वायरिंग गियर की समस्या आ रही है। अक्सर चालक एवं परिचालकों को बीच राह आगार के वर्कशॉप में बसों की जांच करानी पड़ती है।

बसों की संख्या

-863 कुल घोषित नाकारा बसों की संख्या
-2900 निगम के कुल बसों की संख्या
-872 निगम में कुल अनुबंधित बसों की संख्या

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यह व्यवस्था होनी चाहिए

कर्मचारी फैडरेशन ने सरकार से प्रति वर्ष 1000 नई बस खरीदने, संचालन घाटे की पूर्ति के लिए 1200 करोड़ रुपए प्रति वर्ष बजट में प्रावधान करने और निगम को 6000 करोड़ की पैकेज राशि जारी करने की मांग की है
-सत्यनारायण शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फैडरेशन
रोडवेज बसों की स्थिति ज्यादा खराब नहीं है। सरकार की घोषणा के अनुरूप नई बसें खरीदने के साथ अनुबंध पर भी बसें ली जाएगी। इससे निगम की स्थिति में काफी सुधार होगा।
-रवि सोनी, कार्यकारी निदेशक ( यांत्रिक) राजस्थान परिवहन निगम, जयपुर

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