सकारात्मक युवाओं का उत्साहवर्धन करें कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मौजूद मिर्धा कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शंकरलाल जाखड़ ने चाणक्य व चंद्रगुप्त मौर्य का उदाहरण देते हुए कहा कि बुजुर्गों का काम भीड़ में से अच्छे व नेतृत्व की क्षमता रखने वाले युवाओं को छांटना है। सकारात्मक सोच वाले युवाओं का समूह बनाकर सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ाएं और उनका उत्साहवर्धन करते रहें, निश्चित रूप से सफलता मिलेगी। डॉ. जाखड़ ने राजस्थान पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे सामाजिक सरोकार के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि मूण्डवा के लोग आज भी जल सरंक्षण के प्रति जागरूक हैं, जो एक आह्वान पर इस प्रकार के सार्वजनिक कामों में अग्रणी भूमिका निभाते हैं। लक्ष्मीनारायण मुण्डेल ने दावा किया कि राजस्थान में मूण्डवा जैसी कोई नगर पालिका नहीं है, जिसमें आधा दर्जन से अधिक तालाब हैं और सभी स्वच्छ हैं। सभी के अंगोर सुरक्षित हैं, उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद उपखंड अधिकारी से आग्रह करते हुए कहा कि लाखोलाव तालाब परिसर में शाम के समय अवैध गतिविधियां करने वाले लोगों को रोकने के लिए पुलिस गश्त को बढ़ाया जाए। साथ ही आमजन से आह्वान किया कि तालाब में पानी भरने के बाद मछलियों को दाना व आटा नहीं डालें, ताकि तालाब स्वच्छ रहे।
इन्होंने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका तालाब की चौबी की सफाई के अभियान में युवाओं की भूमिका की सभी ने सराहना की। इसके लिए सुभाष कंदोई, संपत मुंडेल, लक्ष्मी नारायण मुण्डेल, किशोर मुण्डेल, विजेश जांगिड़, धीरज मुण्डेल, धीरज भोजावत, धर्माराम भोजावत, राजू भोजावत, शिवराज डिडेल, बालाराम भोजावत, सुरेश मुण्डेल, कैलाश मुंडेल, विष्णु सदावत, रणवीर, घनश्याम, राधेश्याम, चेनसुख मुंडेल, मुकेश, साबिर, शिवराम मुण्डेल, दयाराम, पुरखाराम, नगरपालिका की टीम का विशेष सहयोग रहा। इसके साथ ट्रेक्टर की कराई चालक ओमाराम, मनीराम, ड्रोन क्लीप से प्रचार में सहयोग के लिए रामपाल राव, पांच जून से लगातार नि:शुल्क जल सेवा के लिए गांधी चौक निवासी श्यामसुंदर सहित प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी लोगों का आभार जताया गया। साथ ही मिट्टी उठाने में सहयोग करने वाले किसानों व वाहन चालकों की टीम के प्रति भी आभार जताया गया।
ये रहे मौजूद अमृतंजलम् अभियान के कार्यक्रम में नगरपालिका उपाध्यक्ष जगदीश मुण्डेल, मूण्डवा जाट समाज अध्यक्ष जगदीश डिडेल, रामनिवास मुण्डेल, रामनिवास राव, गंगाराम चौकीदार, कैलाश सारस्वत, मंछाराम भोजावत, आईदान मुण्डेल, चैनाराम तोलम्बिया, आरआईपांचाराम जेठू, पटवारी रामविलास कड़वासरा, नीरज मुण्डेल, भंवरलाल मुण्डेल, ख्वाजा हुसैन, बस्तीराम मुण्डेल, नथुराम जांगीड़, शांतिलाल जमादार, बल्बाराम, अशोक बड़ौला, विरेन्द्र सेवर, नवरत्न बंग, रामप्रसाद भोजावत, अर्जुन मुण्डेल, गजेन्द्र शर्मा, दिनेश मुण्डेल, रामकुंवार बड़ौला, दयानंद गेपाला, श्यामसुंदर, अंकित दाधिच, सुरेश चांगल, सीए गोविन्द भट्टड़, शंकरलाल लखारा, राम खंडेलवाल, सद्दीक, अनिल भार्गव सहित कई लोग मौजूद रहे। शीतल पेयजल के साथ-साथ श्रमदानियों को कार्य स्थल पर शरबत भी पिलाया गया।
श्रवणराम के जुनून की चर्चा रही लाखोलाव तालाब पर श्रमदान करने में हर आयु वर्ग के लोगों का सहयोग रहता है तो इनमें से कुछ मिसाल भी कायम कर जाते हैं। इस वर्ष छोटे-छोटे बच्चों ने भी अपनी भागीदारी निभाई तो वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति में विशेष जुनून देखने को मिला। पेशाब में तकलीफ के चलते कैथेटर लगे हुए होने के बावजूद सेवा कार्य में लगे हुए दिखे। श्रवणराम मेघवाल को जिसने भी देखा वह उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह सका। एक हाथ में पेशाब की थैली तो दूसरे हाथ में झाडू थामे श्रवणराम ने एक पेड़ के नीचे की पूरी सफाई का बीड़ा उठा लिया।