खींवसर के कार्यवाहक सहायक अभियन्ता खुद इस संबंध में ठीक से जवाब नहीं दे पाए। वो न तो ठेकेदार को दोषी मानते है और न ही निर्माण सामग्री की पर्याप्त सप्लाई में कोई कमी बता रहे हैं। ऐसे में काम शुरू नहीं होने के कारण सामने नहीं आ सका। किसानों को निर्बाध बिजली उपलब्ध करवाने एवं उद्योगों को पूरी बिजली देने के लिए क्षेत्र में बड़ी तादाद में स्वीकृत विद्युत जीएसएस का निर्माण कार्य की कछुआ चाल होने से किसानों का निर्बाध बिजली मिलने का सपना पूरा नहीं पाया है न ही उद्योगों को सुचारू बिजली मिला ।
कांग्रेस सरकार के समय स्वीकृत एक १३२ केवीए विद्युत जीएसएस एवं बारह ३३११ केवीए विद्युत जीएसएस का निर्माण कार्य धीमा है। सरकार के करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी लाभ नहीं मिल रहा। निगम का मानना है कि एक साथ बड़ी तादाद में जीएसएस निर्माण कार्य शुरू होने से मेटेरियल की पर्याप्त सप्लाई नहीं हो रही है। अगर समय पर स्वीकृत जीएसएस का निर्माण हो जाता तो करीब ४०० औद्योगिक ईकाईयों एवं ५ हजार से अधिक कृषि कनेक्शन धारियों को लाभ मिलता।
यहां नहीं हो पाया जीएसएस निर्माण कांग्रेस सरकार के समय ग्राम दातीणा में १३२ केवीए विद्युत जीएसएस एवं झालों की ढाणी, सियागों की ढाणी, ईसरनावड़ा, जसनाथपुरा, सोवों की ढाणी, अखासर, पाबुसर, दुजासर, साटिका, रामसर, नाहरसिंहपुरा में विद्युत जीएसएस का कार्य मंद है। यहां कई जगह केवल जीएसएस का प्रारम्भिक ढांचा खड़ा हुआ है तो कई जगह पिछले दिनों केवल मेटेरियल पहुंचा है।
मैं सक्षम नहीं इस संबंध में कार्यवाहक सहायक अभियन्ता सुनिल बाज्या ने गोलमाल जवाब दिया। उनका कहना था कि सबकुछ प्रोसेस से चल रहा है, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस सरकार के समय स्वीकृत जीएसएस पर केवल पोल रखे हैं। इतने समय में काम शुरू क्यों नहीं हुआ। उनका कहना था कि वो इसका जवाब देने में सक्षम नहीं है। जबकि जीएसएस निर्माण में ठेकेदार काम धीमे कर रहा है या सामग्री की आपूर्ति नहीं हो रही है। इसकी मॉनेटरिंग में सहायक अभियन्ता की भूमिका होती है।
नहीं की कांग्रेस सरकार ने परवाह कांग्रेस सरकार ने केवल जीएसएस स्वीकृत कर वाहीवाही लूटी है। सरकार चाहती तो उसी समय जीएसएस का निर्माण करवाकर किसानों को राहत पहुंचा सकती थी। प्रदेश की भाजपा सरकार शीघ्र ही जीएसएस का निर्माण कार्य पूरा करवाकर किसानों को निर्बाध बिजली देगी।
-धनन्जयसिंह खींवसर, भाजपा नेता