CM योगी पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कहा- उर्दू मुसलमानों की भाषा नहीं…
Asaduddin Owaisi vs Yogi Adityanath on Urdu: ओवैसी ने कहा, “यूपी के सीएम को यह भी नहीं पता कि उर्दू उत्तर प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा है। आरएसएस और बीजेपी के लोग यह नहीं जानते कि उर्दू को संविधान में अन्य भाषाओं की तरह संरक्षण मिला हुआ है।
Asaduddin Owaisi vs Yogi Adityanath on Urdu: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर उर्दू को लेकर दिए गए उनके बयान पर तीखा हमला बोला। ओवैसी ने कहा कि उर्दू मुसलमानों की भाषा नहीं है, बल्कि यह देश की आजादी की भाषा रही है। उन्होंने कहा कि उर्दू को संविधान में अन्य भाषाओं की तरह ही संरक्षण प्राप्त है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस देश में केवल एक भाषा, एक धर्म, एक विचारधारा और एक नेता हो।
एआईएमआईएम की 67वीं पुनर्जनन वर्षगांठ पर सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “यूपी के सीएम को यह भी नहीं पता कि उर्दू उत्तर प्रदेश की संस्कृति का हिस्सा है। आरएसएस और बीजेपी के लोग यह नहीं जानते कि उर्दू को संविधान में अन्य भाषाओं की तरह संरक्षण मिला हुआ है। उन्हें यह नहीं पता कि हर मुसलमान उर्दू नहीं बोलता; यह मुसलमानों की भाषा नहीं है। यह देश की आजादी की भाषा रही है। यह इस देश की भाषा है… बीजेपी इस देश को एक भाषा, एक धर्म, एक विचारधारा और एक नेता के आधार पर बनाना चाहती है।” योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर हमले को तेज करते हुए ओवैसी ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री उस विचारधारा से आते हैं, जिसने देश की स्वतंत्रता संग्राम में कोई हिस्सा नहीं लिया।
"उनके किसी भी शख़्स ने इस मुल्क की आज़ादी में हिस्सा नहीं लिया" उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उर्दू को लेकर दिए गए बयान पर बैरिस्टर @asadowaisi ने शायराना अंदाज़ में दिया करारा जवाब। आप भी सुने क्या कहा?#67YearsOfAIMIMpic.twitter.com/rj5MpqGyYp
उन्होंने आगे कहा, “यह साफ है कि यूपी के सीएम को उर्दू का ज्ञान नहीं है। लेकिन यह वही बता सकते हैं कि वे वैज्ञानिक क्यों नहीं बने… जिस विचारधारा से यूपी के सीएम आते हैं, उस विचारधारा का कोई भी व्यक्ति इस देश के स्वतंत्रता संग्राम में शामिल नहीं हुआ। वे गोरखपुर से आते हैं। रघुपति सहाय ‘फिराक’ भी गोरखपुर से ही थे। वे एक प्रसिद्ध उर्दू कवि थे, लेकिन वे मुसलमान नहीं थे। यही इनकी बौद्धिक क्षमता है।” ओवैसी का यह बयान योगी आदित्यनाथ के उस विधानसभा में दिए गए बयान के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि समाजवादी पार्टी (एसपी) उर्दू को बढ़ावा देकर बच्चों को ‘मौलवी’ बनाना चाहती है।
योगी ने विधानसभा में कहा था, “यही आप लोगों की समस्या है; आप (समाजवादी पार्टी) हर उस अच्छे काम का विरोध करेंगे जो राज्य के हित में है। इस तरह के विरोध की निंदा होनी चाहिए… ये लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ाएंगे, लेकिन अगर सरकार दूसरों के बच्चों को सुविधा देना चाहे, तो वे उन्हें उर्दू पढ़ाएंगे; वे चाहते हैं कि वे मौलवी बनें।” यह विवाद उर्दू भाषा के राजनीतिकरण और सांस्कृतिक महत्व को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ गया है।