मां के दूध तक पहुंची बात
गुरुवार देर रात जब मीडिया ने सीएम सरमा से राहुल गांधी के जेल भेजने वाले बयान पर सवाल किया तो सरमा ने असमिया भाषा में कहा मैं उन्हें ठेंगा दिखाता हूं। उन्होंने कहा कि मैंने भी अपनी मां का दूध पिया है। दरअसल, राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सीएम हिमंता जेल जाएंगे। राहुल ने कहा था कि सरमा खुद को राजा समझते हैं, लेकिन वह ज्यादा दिनों तक सत्ता में नहीं रहेंगे। वह जेल पहुंच जाएंगे।
भारत में कई जेलें गांधी फैमिली का इंतजार कर रही
सरमा ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन राहुल खुद जेल जा सकते हैं। ईडी ने आज राहुल के जीजा रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कई संपत्तियां जब्त की हैं। भारत में कई जेलें हैं। जो अभी गांधी परिवार का इंतजार कर रही हैं। सरमा ने तंज कसते हुए कहा कि एक बार सलाखों के पीछे जाने के बाद मुझे नहीं पता कि राहुल किसी को गिरफ्तार करने का समय निकाल पाएंगे या नहीं, लेकिन आमतौर पर जेल के अंदर रहने वाले बाहर किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकते हैं।
राहुल बेतुकी बात करते हैं
असम के सीएम ने कहा कि कांग्रेस नेता कैसी बेतुकी बात करते हैं। राहुल एक सांसद हैं। वह दावा करते हैं कि सीएम को गिरफ्तार करेंगे? मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी असम के लिए असल में क्या करेगी? वे रोजगार, जमीन के अधिकार और असमिया संस्कृति के लिए कुछ नहीं करेंगे। उनका तो बस एक ही एजेंडा है, हिमंता बिस्वा सरमा को जेल भेजना। ऐसी पार्टी को कौन वोट देगा। कांग्रेस के पास सिर्फ एक ही मनगढ़ंत कहानी है। उन्हें लगता है कि वह इस तरह चुनाव जीत जाएंगे तो उन्हें बधाई देना चाहता हूं।
कांग्रेस में रहते इतना बड़ा कद नहीं हो पाता
हिमंता ने आखिर में कहा कि मैं उनका आभारी हूं। आज उन्होंने मेरा राजनीतिक कद उस स्तर पर पहुंचा दिया है, जहां शायद मैं कांग्रेस पार्टी में रहते हुए कभी नहीं पहुंच पाता। यह वाकई संतोषजनक बात है। आखिरकार अगर राहुल गांधी ने मेरी आलोचना करने का फैसला लिया है तो यह साफ बात है कि मैं असम के लिए जो कुछ कर रहा हूं वह सही कर रहा हूं।
उग्रवादी गुट ऊल्फा (आई) के पूर्व डिप्टी कमांडर भाजपा में शामिल
असम में अगले साल मार्च महीने में विधानसभा चुनाव होना है। बीजेपी अभी से कुनबा बढ़ाने में जुटी हुई है। बीते दिनों असम बीजेपी ने तीन प्रमुख चेहरों को पार्टी में शामिल किया। इनमें एक प्रमुख नाम उल्फा (आई) के पूर्व डिप्टी कमांडर राजखोवा भी है। राजखोवा ने साल 2020 में आत्मसमर्पण कर दिया था। बीजेपी में शामिल होने के बाद राजखोवा ने कहा कि मैंने हमेशा अपनी जमीन को जान से ज्यादा अहमियत दी है। मैंने अपने लोगों के लिए एक बार बलिदान दिया है। मैं फिर से ऐसा करने के लिए तैयार हूं। राज्य अभी बहुत से खतरों का सामना करना कर रहा है। मेरा मानना है कि इन चुनौतियों से निपटने के लिए भाजपा एक प्रभावी मंच है।