scriptकिसानों के विधानसभा घेराव से पहले पंजाब सरकार ने बुलाई अहम बैठक, विवाद सुलझाने की कोशिश | Before the farmers' siege of the assembly, the Punjab government called an important meeting, trying to resolve the dispute | Patrika News
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किसानों के विधानसभा घेराव से पहले पंजाब सरकार ने बुलाई अहम बैठक, विवाद सुलझाने की कोशिश

बैठक के दौरान सरकार और किसान संगठनों के बीच कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा

भारतMar 20, 2025 / 10:37 pm

Anish Shekhar

Amritsar Temple Attack

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान

पंजाब में सरकार और किसानों के बीच जारी खींचतान के बीच 26 मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने चंडीगढ़ में पंजाब विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है। इन सब के बीच अब पंजाब सरकार ने किसान संगठनों के साथ शुक्रवार को एक अहम बैठक बुलाई है।
बैठक में किसान संगठनों और पंजाब सरकार के बीच वार्ता की जाएगी ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था से बचा जा सके और समस्याओं का समाधान निकाला जा सके। इस बैठक में एसकेएम पंजाब और भारतीय किसान यूनियन (उग्राहा जत्थेबंदी) के प्रमुख नेताओं को शामिल किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडिया करेंगे, जो किसानों के साथ इस महत्वपूर्ण चर्चा में भाग लेंगे।
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बैठक का आयोजन शुक्रवार शाम चार बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में किया जाएगा। इस बैठक के दौरान सरकार और किसान संगठनों के बीच कई अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा, जिसमें किसानों के अधिकारों और उनकी मांगों पर चर्चा की जाएगी। एसकेएम द्वारा 26 मार्च को किए गए विधानसभा घेराव के ऐलान के बाद यह बैठक और भी महत्वपूर्ण हो गई है, क्योंकि यह किसानों और सरकार के बीच के विवादों को सुलझाने की दिशा में एक अहम कदम हो सकता है।

शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के टेंट किए ध्वस्त

उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस ने बुधवार को विभिन्न मांगों को लेकर शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के टेंटों को ध्वस्त कर दिया था और धरने पर बैठे किसानों को हटा दिया था। इसके साथ ही प्रमुख किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में ले लिया गया। किसान नेता शंभू बॉर्डर की ओर जा रहे थे, लेकिन मोहाली में पंजाब पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
सरकार की ओर से की गई इस कार्रवाई के बाद तमाम किसानों ने कड़ा एतराज जताया है। इसी बीच एसकेएम ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया। किसान नेता राकेश टिकैत ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा कि पंजाब सरकार के रास्ते का मामला है और वे इस मुद्दे पर किसानों के साथ बातचीत कर सकते थे। केंद्र सरकार चाहती है कि किसान और पंजाब सरकार के बीच टकराव बना रहे। हमारी यही मांग है कि किसानों को रिहा किया जाए। साथ ही पंजाब के सीएम को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और समन्वय स्थापित करना चाहिए। हमारी मांगें केंद्र सरकार के पास हैं और पंजाब को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो पूरा आंदोलन पंजाब में चला जाएगा।

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