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Bihar Election: ये दो दर्जन जातियां जो बदल देती है सत्ता का समीकरण, जानें कौन है सबसे ताकतवर कास्ट

Caste Factor In Bihar Politics: किसी भी राज्य की राजनीति में जाति अहम भूमिका निभाती है। बिहार चुनाव से पहले जातिगत जनगणना की घोषणा कर मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है।

पटनाMay 05, 2025 / 04:22 pm

Ashib Khan

Bihar Election: बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। इसी बीच मोदी सरकार ने देश में जातिगत जनगणना कराने की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जातिगत जनगणना की घोषणा कर मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेला है। विपक्ष ने भी कई बार जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी। जातिगत जनगणना की घोषणा को विपक्ष अपनी जीत मान रहा है। दरअसल, किसी भी राज्य की राजनीति में जाति अहम भूमिका निभाती है। 

ये 5 जातियां तय करती है प्रत्याशियों की हार-जीत

बिहार में पांच ऐसी जातियां है जिनके वोट किसी भी प्रत्याशी के हार-जीत को बदलने में सक्षण होता है। ये जातियां- पान या सवासी, कहार या चंद्रवंशी, कुम्हार, नाई और बढ़ई है। प्रदेश में इनकी आबादी डेढ़ से दो प्रतिशत के करीब है। हालांकि इन जातियों का वोटबैंक अलग-अलग विधानसभा में है। यहीं कारण है कि इन जातियों का प्रदेश स्तर पर कोई सर्वमान्य नेता भी नहीं है। 

कम होकर भी राजनीति में देती है अधिक दखल

बिहार में राजपूत, भूमिहार, कुर्मी, मुसहर और तेली की आबादी करीब 45 लाख तक है। प्रदेश में इन जातियों से कई बड़े नेता आते है। कुर्मी से नीतीश कुमार, मुसहर से जीतन राम मांझी और भूमिहार से गिरिराज सिंह जैसे नेता आते हैं। बिहार में इन जातियों की आबादी कम होने के बाद भी ये राजनीति में अधिक दखल देती है और इन जातियों ने अपनी संख्या से ज्यादा सत्ता का सुख भोगा है। 
जातिप्रदेश में जाति की ताकतजाति की आबादी
यादव, अहीर, ग्वाला, घासी, गोप14.27 प्रतिशत1 करोड़ 86 लाख
पासवान5.31 प्रतिशत69 लाख 43 हजार
मोची, चमार या रविदास5.26 प्रतिशत68 लाख 69 हजार
कुशवाहा या कोइरी4.21 प्रतिशत55 लाख 6 हजार
ब्राह्मण3.66 प्रतिशत47 लाख 81 हजार
राजपूत3.45 प्रतिशत45 लाख 10 हजार
मुसहर 3.09 प्रतिशत40 लाख 35 हजार
कुर्मी 2.88 प्रतिशत37 लाख 62 हजार
भूमिहार2.87 प्रतिशत37 लाख 50 हजार
तेली2.81 प्रतिशत36 लाख 37 हजार
मल्लाह2.61 प्रतिशत34 लाख 10 हजार
वैश्य 2.32 प्रतिशत30 लाख 96 हजार
कानू 2.21 प्रतिशत28 लाख 92 हजार
धानुक 2.14 प्रतिशत27 लाख 96 हजार
नोनिया 1.91 प्रतिशत24 लाख 98 हजार
पान या सवासी1.70 प्रतिशत22 लाख 28 हजार
कहार या चंद्रवंशी 1.65 प्रतिशत21 लाख 55 हजार
नाई 1.59 प्रतिशत20 लाख 82 हजार
बढ़ई 1.45 प्रतिशत18 लाख 95 हजार
कुम्हार1.40 प्रतिशत18 लाख 34 हजार
पासी0.99 प्रतिशत12 लाख 88 हजार
बिंद0.98 प्रतिशत12 लाख 85 हजार
कुल्हैया 0.96 प्रतिशत 12 लाख 53 हजार
भूइया0.90 प्रतिशत11 लाख 74 हजार
धोबी0.84 प्रतिशत10 लाख 96 हजार

इन जातियों का है वर्चस्व

बिहार में ब्राह्मण, यादव, चमार, कुशवाहा और पासवान जातियां राजनीति की दिशा तय करती है। इन जातियों से कई बड़े नेता निकले है। यादव समाज से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव प्रमुख चेहरों में से हैं। यादव समाज RJD का पारंपरिक वोट बैंक माना जाता है।
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वहीं ब्रह्मण समुदाय से जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर, RJD के मनोज झा, JDU के संजय कुमार झा और BJP के मंगल पांडेय जैसे चेहरे आते हैं। वहीं कुशवाहा समाज से उपेंद्र कुशवाहा और सम्राट चौधरी सरीखे जैसे चेहरे हैं। पासवान समाज से चिराग पासवान जैसे चेहरे हैं। 

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