कांग्रेस आलाकमान बिहार को लेकर पूरी तरह गंभीर
इधर, कांग्रेस ने भी बिहार चुनाव को लेकर अपनी रणनीति पर काम तेज कर दिया है। पार्टी ने जिला और प्रखंड स्तर तक सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में पहल शुरू कर दी है। इसी कड़ी में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बिहार दौरा 15 मई को संभावित है। यह दौरा खास इसलिए भी है क्योंकि बीते पांच महीनों में राहुल गांधी का यह चौथा बिहार दौरा होगा। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस आलाकमान बिहार को लेकर पूरी तरह गंभीर है और पार्टी यहां बेहतर प्रदर्शन के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। आने वाले दिनों में महागठबंधन की साझा रैलियों की भी संभावना जताई जा रही है।
राहुल गांधी का 5 महीने में चौथा बिहार दौरा
आपको बता दें कि राहुल गांधी का बीते 5 महीने में चौथी बार बिहार जा रहे है। सात अप्रैल को बेगूसराय में कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको नौकरी दो’ यात्रा में शामिल हुए थे। 5 फरवरी को पटना के एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित दलित नेता दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी के जयंती समारोह में शामिल होने बिहार पहुंचे थे। इससे पहले 18 जनवरी को पटना में ‘संविधान सुरक्षा सम्मेलन’ में भी हिस्सा लिया। उन्होंने लालू यादव और तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की थी।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर घमासान, राहुल-तेजस्वी की चुनौती बढ़ी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सियासी घमासान तेज हो गया है। छोटे दल ज्यादा सीटों की मांग कर रहे हैं, जिससे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। अब तक महागठबंधन की कई बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन न सीटों का अंतिम फैसला हुआ है और न ही मुख्यमंत्री चेहरे पर सहमति बनी है। समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आने लगे हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। 2020 में एनडीए को मिली 125 सीटों की जीत
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने कुल 125 सीटें जीतकर सरकार बनाने में सफलता हासिल की। वहीं, महागठबंधन को 110 सीटों पर संतोष करना पड़ा। चुनाव परिणामों में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि भाजपा ने 74 सीटों पर जीत दर्ज की।
महज 12 सीटों से चूक गया था महागठबंधन
पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू को 43 सीटें मिलीं। कांग्रेस को 19 सीटें मिलीं, जबकि वाम दलों ने कुल 16 सीटें (सीपीआई-एमएल 12, सीपीआई 2, सीपीएम 2) जीतीं। एआईएमआईएम को 5, हम सेक्युलर और वीआईपी को 4-4, लोजपा, बसपा और एक निर्दलीय को एक-एक सीटें मिलीं। चुनाव में एनडीए को संख्यात्मक बढ़त तो मिली, लेकिन जेडीयू की सीटें पहले के मुकाबले घट गईं। परिणामों ने बिहार की राजनीति में आरजेडी की बढ़ती ताकत और वाम दलों की वापसी को भी दर्शाया।