मध्यम वर्ग को बड़ी राहत
हालांकि, इस बजट में दिल्ली को लेकर कोई विशेष घोषणा नहीं की गई, लेकिन इनकम टैक्स में छूट देकर भाजपा ने दिल्ली के एक बड़े मध्यम वर्गीय मतदाता समूह को साधने की कोशिश की है। यह छूट खासतौर पर दिल्ली जैसे महानगरों में रहने वाले वेतनभोगी और मध्यम वर्गीय करदाताओं के लिए राहत लेकर आई है।
दिल्ली में 67 प्रतिशत मिडिल क्लास
दिल्ली में विधानसभा चुनाव 5 फरवरी को होने हैं, जहां भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला है। ‘पीपुल रिसर्च ऑन इंडियाज कंज्यूमर इकोनॉमी’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में 67% लोग मध्यम वर्ग से आते हैं। यह वर्ग 5 लाख से 30 लाख रुपये की वार्षिक आय अर्जित करता है। इस वर्ग के मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने यह बड़ा कर सुधार किया है। चुनावी समीकरणों पर प्रभाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव में राहत (रिलीफ) एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि उनकी सरकार बनने पर हर परिवार को 25,000 रुपये प्रतिमाह का लाभ दिया जाएगा। कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में राहत को मुख्य विषय बनाया है। ऐसे में भाजपा ने इनकम टैक्स में छूट देकर चुनावी बढ़त लेने का प्रयास किया है।
12 लाख तक की आय कर मुक्त
वर्तमान बजट प्रावधानों के अनुसार, 12 लाख रुपये की आय पर करदाताओं को 80,000 रुपये की बचत होगी। इसी तरह, 8 से 9 लाख रुपये की आय वालों को 30,000 रुपये, 9 से 10 लाख वालों को 40,000 रुपये और 10 से 11 लाख रुपये की आय वालों को 50,000 रुपये का लाभ होगा।
दिल्ली पर विशेष घोषणा से परहेज
दिल्ली में विधानसभा चुनावों के चलते इस बजट में राष्ट्रीय राजधानी को लेकर कोई विशेष घोषणा नहीं की गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि बजट में दिल्ली के लिए किसी विशेष प्रावधान की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, चुनाव के बाद केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को लेकर नई योजनाओं की घोषणा करने की संभावना जताई जा रही है। बजट 2025 में मध्यम वर्ग को दी गई यह कर राहत न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि आगामी चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकती है।