मैं 2028 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करूंगा- सिद्धारमैया
सिद्धारमैया ने कहा है कि वह पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। इसके साथ उन्होंने यह भी साफ कर दिया है कि उनके और उपमुख्यमंत्री डी।के। शिवकुमार के बीच सत्ता-साझेदारी का कोई समझौता नहीं है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के आकांक्षी हैं और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। शिवकुमार ने खुद स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री का पद खाली नहीं है। सिद्धारमैया ने कहा कि शिवकुमार ने कभी यह नहीं कहा कि मुख्यमंत्री को बदला जाना चाहिए। उन्होंने एक बार फिर कहा कि मैं पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री हूं। मैं 2028 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करूंगा।
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि, मैं आलाकमान के आदेशों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। शिवकुमार और मैं, दोनों ही आलाकमान के फैसलों का पालन करने के लिए बाध्य हैं। फिलहाल सत्ता-साझेदारी पर कोई चर्चा नहीं हुई है।
वहीं, कुछ विधायकों द्वारा शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा कि कुछ विधायक शिवकुमार का समर्थन कर सकते हैं, लेकिन अधिकांश नहीं।
अब राहुल गांधी के फैसले पर सबकी नजर
बता दें कि सिद्धारमैया और शिवकुमार लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से आज मिल सकते है। सूत्रों से संकेत मिलता है कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार राष्ट्रीय नेतृत्व के माध्यम से सत्ता के बंटवारे के बारे में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके कारण मुख्यमंत्री ने पलटवार किया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिल्ली दौरे पर जाने से पहले ही अपना कार्यकाल पूरा करने की बात को दोहराया था। दोनों नेताओं को एक साथ देखा गया है। दोनों को केंद्रीय मंत्रियों से मिलते हुए और यहां तक कि राजधानी में एक ही कार में यात्रा करते हुए भी।
सूत्र यह भी बताते हैं कि एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला का राज्य का हालिया दौरा सीधे तौर पर नेतृत्व के मुद्दे से जुड़ा है और इसका उद्देश्य मुख्यमंत्री पद को लेकर विधायकों की राय जानना है।