बिहार में महिलाएं और बच्चे असुरक्षित
उन्होंने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर भी चिंता जाहिर की। सुप्रिया ने कहा, राज्य में 2.12 लाख से ज्यादा महिलाएं अपराध का शिकार हुई हैं, जिनमें 98% मामले लंबित हैं। 62,000 से अधिक बच्चों के साथ दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए हैं। बिहार में महिलाएं, बच्चे और कारोबारी सभी असुरक्षित हैं। हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों में बिहार देश में दूसरे स्थान पर है।
मुजफ्फरपुर एम्बुलेंस मौत पर भी उठाए सवाल
सुप्रिया श्रीनेत ने मुजफ्फरपुर की घटना का हवाला देते हुए कहा कि वहां एक बच्ची ने आठ घंटे तक एम्बुलेंस में तड़पने के बाद दम तोड़ दिया, जो प्रशासन की विफलता को दिखाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार संगठित अपराध को बढ़ावा दे रही है और यह दावा करना कि राज्य में संगठित अपराध नहीं हो रहा, उन परिवारों का अपमान है जिन्होंने अपनों को खोया है।
वोटर लिस्ट पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल
कांग्रेस नेता ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट की विशेष गहन समीक्षा (SIR) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि जब जनवरी में वोटर लिस्ट की समीक्षा हो चुकी थी, तो छह महीने बाद फिर से यह प्रक्रिया क्यों हो रही है। सुप्रिया ने कहा कि पटना में आधार को मान्यता है लेकिन सीमांचल में नहीं, यह दोहरा मापदंड क्यों है?
कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी: अलका लांबा
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने भी राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है और आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, और उसी तरह बिहार की कानून-व्यवस्था भी बिगड़ चुकी है।
अपराधियों में कानून का डर नहीं
अलका लांबा ने पटना में एक और व्यापारी की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं है। उन्होंने केंद्र और राज्य की भाजपा-जेडीयू सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली और बिहार में डबल मर्डर और लगातार हत्याओं ने आम जनता, व्यापारियों, नेताओं और बेटियों को असुरक्षित कर दिया है।
बिहार बंद और चुनाव आयोग पर सवाल
अलका लांबा ने बिहार में INDIA ब्लॉक के बिहार बंद का भी जिक्र किया, जिसका नेतृत्व राहुल गांधी ने किया। उन्होंने कहा कि यह बंद वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के विरोध में था। चुनाव आयोग को सत्ता के दबाव में नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक नियमों के आधार पर काम करना चाहिए।
लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष जारी
अलका लांबा ने कहा कि INDIA ब्लॉक लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को दबाव मुक्त करने के लिए संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है और बिहार बंद के जरिए भाजपा पर दबाव बनाया गया है ताकि जनता की आवाज को सामने लाया जा सके।