22 जनवरी को रिपोर्ट दाखिल करने के दिए निर्देश
पटियाला हाउस कोर्ट के न्यायाधिश साहिल मोंगा ने कहा कि उक्त आवेदन में उल्लेखित तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर, उक्त आवेदन को स्वीकर किया जाता है और जांच अधिकारी को दोनों पेंटिंग्स जब्त करने और 22 जनवरी को रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया जाता है।
शिकायतकर्ता ने एक्स पर किया पोस्ट
शिकायतकर्ता ने आपत्तिजनक तस्वीरों को लेकर एक्स पर भी पोस्ट किया था। पोस्ट करते हुए लिखा कि 4 दिसंबर को मैंने नई दिल्ली आर्ट गैलरी में प्रदर्शित आपत्तिजनक पेंटिंग्स की तस्वीरें क्लिक की और एमएफ हुसैन के खिलाफ पिछली एफआईआर की जांच करने के बाद 9 दिसंबर को पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, 10 दिसंबर को आईओ (जांच अधिकारी) के साथ मुलाकात के दौरान, पेंटिंग्स को हटा दिया गया और झूठा दावा किया गया कि उन्हें कभी प्रदर्शित ही नहीं किया गया।
जांच अधिकारी ने CCTV फुटेज को किया जब्त
न्यायाधिश मोंगा ने अपने आदेश में कहा कि एटीआर के अनुसार जांच अधिकारी ने पहले ही सीसीटीवी फुटेज और दिल्ली आर्ट गैलरी के एनवीआर को जब्त कर लिया है। एटीआर में आगे कहा गया है कि दिल्ली आर्ट गैलरी द्वारा चित्रों की एक सूची प्रदान की गई थी जिसमें विचाराधीन चित्रों का उल्लेख सीरियल नंबर 6 और 10 पर किया गया है। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदर्शनी एक निजी स्थान पर आयोजित की गई थी और उक्त पेंटिंग केवल लेखकों/कलाकारों के मूल काम को प्रदर्शित करने के लिए थीं।
शिकायतकर्ता ने CCTV फुटेज को संरक्षित करने की मांग
बता दें कि दिसंबर 2024 में शिकायतकर्ता ने आर्ट गैलरी से सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने के लिए भी अदालत का दरवाजा खटखटाया। शिकायतकर्ता चाहता था कि दिल्ली आर्ट गैलरी में 4 दिसंबर और 6 से 10 दिसंबर की सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित किया जाए, जब प्रदर्शनी में एमएफ हुसैन की पेंटिंग्स प्रदर्शित की गई थी।