सिब्बल ने कहा, “हम चाहते हैं कि आतंकवाद खत्म हो। लेकिन इसके लिए हिम्मत जुटाइए, पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित कीजिए और अमेरिका से कहिए कि वह पाकिस्तान के साथ व्यापार नहीं कर सकता। तभी हम मानेंगे कि एक नया आयाम स्थापित हुआ है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस लड़ाई में विपक्ष सरकार के साथ है। “मैं आपको भरोसा देता हूं कि विपक्ष आपके साथ होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं बोल सकता, लेकिन मुझे पता है कि इस लड़ाई में विपक्ष आपके साथ है। मैं आपके साथ हूं, भारत की जनता आपके साथ है।”
ट्रंप पर भड़के सिब्बल
सिब्बल ने भारत और पाकिस्तान की तुलना को खारिज करते हुए कहा, “हमें पाकिस्तान के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप हमें पाकिस्तान के साथ नहीं तौल सकते।” यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग में दावा किया, “शनिवार को मेरी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता को तत्काल रोकने में मदद की। मुझे लगता है कि यह एक स्थायी समझौता है। दोनों देशों के पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं।”ट्रंप ने आगे कहा, “हमने एक परमाणु युद्ध को रोका। यह एक भयानक परमाणु युद्ध हो सकता था, जिसमें लाखों लोग मारे जा सकते थे। मैं उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो को भी धन्यवाद देता हूं।”
PM मोदी बोले- भारत बर्दाश्त नहीं करेगा परमाणु ब्लैकमेल
इस बीच, ऑपरेशन सिंदूर के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत अब परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा और किसी भी आतंकी हमले का जवाब सख्त और निर्णायक कार्रवाई के साथ दिया जाएगा। मोदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थापित नीति है। यह भारत के रणनीतिक दृष्टिकोण में एक निर्णायक बदलाव का प्रतीक है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यह ऑपरेशन आतंकवाद विरोधी उपायों में एक नया मानक और नया सामान्य स्थापित करता है। यह घटनाक्रम भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नए तनावपूर्ण दौर की ओर इशारा करता है, जहां भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करने के मूड में दिख रहा है। सिब्बल की मांग और मोदी का बयान अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत की रणनीति को और मजबूत करने का संकेत देता है।