इस योजना के तहत पात्रता के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं। केवल 18 से 60 साल की उम्र की महिलाएं ही इसका लाभ ले सकेंगी। साथ ही, सरकारी नौकरी करने वाली या किसी अन्य सरकारी आर्थिक सहायता का लाभ ले रही महिलाएं इस योजना से बाहर रहेंगी। अधिकारियों के अनुसार, योजना को लागू करने के लिए कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और इसके तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे दिया गया है। एक अधिकारी ने बताया, “कल तक कैबिनेट नोट तैयार हो जाएगा, जिसके बाद इसे मंत्रिपरिषद की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। यह योजना नई मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की पहली कैबिनेट बैठक में उठाए गए मुद्दों में से एक थी।”
कैसे होगा आवेदन और सत्यापन?
दिल्ली सरकार इस योजना के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रही है, जिसके जरिए महिलाएं अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेंगी। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि आईटी विभाग इस पोर्टल के साथ-साथ एक अलग सॉफ्टवेयर भी विकसित कर रहा है, जो सभी आवेदन फॉर्मों की जांच और पात्र महिलाओं की पहचान करेगा। इसके लिए सरकार ने विभिन्न विभागों से डेटा मांगा है। एक सूत्र ने बताया, “पात्र महिलाओं की पहचान के लिए अलग-अलग विभागों से डेटा लिया जा रहा है, ताकि सत्यापन प्रक्रिया पारदर्शी और सटीक हो सके।”
योजना का उद्देश्य और प्रभाव
महिला समृद्धि योजना का मकसद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को सशक्त बनाना है। हर महीने 2,500 रुपये की सहायता से इन महिलाओं को अपनी जरूरतें स्वतंत्र रूप से पूरी करने में मदद मिलेगी। सरकार का मानना है कि यह योजना न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारेगी, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी ऊपर उठाएगी। बीजेपी ने इसे अपने चुनावी घोषणापत्र का अहम हिस्सा बनाया था और अब सत्ता में आने के बाद इसे लागू करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है।
कब से मिलेगा लाभ?
प्रधानमंत्री के वादे के मुताबिक, इस योजना की पहली किस्त 8 मार्च, 2025 को महिलाओं के बैंक खातों में जमा की जानी है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने की उम्मीद है, ताकि समय रहते पात्र महिलाओं की सूची तैयार की जा सके। दिल्ली सरकार का दावा है कि यह योजना न सिर्फ महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा होगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।