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Father’s Day Special: इन नेताओं की सियासत की राह पिता की पहचान से होकर गुजरी और संवरी

Father’s Day 2025: भारतीय राजनीति में कई ऐसे नेता हैं जिनकी सियासत उनके पिता की पहचान और विरासत से प्रभावित हुई।

भारतJun 14, 2025 / 10:55 pm

Ashib Khan

कई दिग्गज नेताओं के बच्चे सियासत में अपनी पहचान बना चुके हैं (Photo-IANS)

Father’s Day Special: भारतीय राजनीति में कई ऐसे नेता हैं जिनकी सियासत उनके पिता की पहचान और विरासत से प्रभावित हुई। पिता के राजनीतिक रसूख और स्थापित पहचान ने इन नेताओं को न केवल शुरुआती मंच प्रदान किया, बल्कि उनकी सियासी राह को भी संवारा। Father’s Day के मौके पर, आइए नजर डालते हैं कुछ ऐसे नेताओं पर, जिन्होंने अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया:

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा

पिता: राजीव गांधी

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की विरासत ने राहुल और प्रियंका गांधी को भारतीय राजनीति में एक मजबूत आधार दिया। राहुल गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में लोकसभा में विपक्ष के नेता, ने अपने पिता, दादी इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू की विरासत को आगे बढ़ाया। उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी कांग्रेस की महासचिव के रूप में सक्रिय हैं और अपने भाई के साथ मिलकर गांधी-नेहरू परिवार की सियासी विरासत को संभाल रही हैं। दोनों की राजनीतिक यात्रा में उनके पिता की छवि और कांग्रेस की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उद्धव ठाकरे 

पिता: बाल ठाकरे

शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की राजनीतिक विचारधारा और उनके द्वारा स्थापित संगठन ने उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र की सियासत में एक बड़ा मंच प्रदान किया। उद्धव ने न केवल अपने पिता के सिद्धांतों को अपनाया, बल्कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनकर उनकी विरासत को आगे बढ़ाया। उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी उनके नक्शेकदम पर चलते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) में सक्रिय हैं और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी

पिता: वाई.एस. राजशेखर रेड्डी

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की लोकप्रियता और उनके जनकल्याणकारी कार्यों ने उनके बेटे जगन मोहन रेड्डी को सियासत में एक मजबूत आधार दिया। जगन ने अपने पिता की विरासत को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के रूप में आगे बढ़ाया और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।

चिराग पासवान

पिता: राम विलास पासवान

राम विलास पासवान, जिन्हें भारतीय राजनीति का “मौसम वैज्ञानिक” कहा जाता था, ने अपने बेटे चिराग पासवान को सियासत में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चिराग ने अपने पिता की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को संभाला और बिहार की सियासत में अपनी पहचान बनाई, हालांकि उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

अखिलेश यादव

पिता: मुलायम सिंह यादव

समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बड़ा कद बनाया। उनके बेटे अखिलेश यादव ने न केवल उनकी विरासत को संभाला, बल्कि युवा नेतृत्व और आधुनिक दृष्टिकोण के साथ सपा को नई दिशा दी। अखिलेश उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और आज भी सपा के प्रमुख नेता हैं।
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तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव

पिता: लालू प्रसाद यादव

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के संस्थापक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की सियासी विरासत ने उनके बेटों तेजस्वी और तेजप्रताप को बिहार की राजनीति में स्थापित किया। तेजस्वी यादव, राजद के प्रमुख नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता, ने अपने पिता की सामाजिक न्याय की विचारधारा को अपनाते हुए युवा नेतृत्व के रूप में पहचान बनाई। तेजप्रताप यादव, अपने पिता के जनाधार और राजद की विचारधारा के सहारे, बिहार की सियासत में सक्रिय हैं और विधायक रह चुके हैं। दोनों भाइयों ने लालू की विरासत को अपने-अपने अंदाज में आगे बढ़ाया।

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