पत्नी की आस्तियां विसर्जित करने आए थे गुजरात
अर्जुनभाई पटोलिया अपनी पत्नी भारतीबेन की अस्थियां विसर्जित करने के लिए लंदन से गुजरात आए थे। भारतीबेन का सात दिन पहले लंदन में निधन हो गया था, और उनकी अंतिम इच्छा थी कि उनकी अस्थियां अमरेली जिले के उनके पैतृक गांव की तालाब और नदी में प्रवाहित की जाएं। अर्जुनभाई ने अपनी पत्नी की इस इच्छा को पूरा करने के लिए भारत की यात्रा की थी। अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करने के बाद, वह अपनी बेटियों के पास लंदन लौट रहे थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। हादसे में उनकी मौत ने उनकी 8 और 4 साल की बेटियों को पूरी तरह अनाथ कर दिया। दोनों बेटियां इस समय लंदन में हैं, और उनकी देखभाल के लिए अब कोई करीबी रिश्तेदार सामने नहीं आया है। अर्जुनभाई की मां सूरत में रहती हैं, लेकिन परिवार पर यह दुख भारी पड़ गया है।
हादसे का भयावह मंजर
एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के दो मिनट बाद ही बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि इमारत की पानी की टंकी उखड़कर दूसरी तरफ जा गिरी। हादसे के बाद हुए विस्फोट में विमान के परखच्चे उड़ गए और हॉस्टल में खड़ी गाड़ियां जलकर खाक हो गईं। उस समय हॉस्टल की मेस में लंच का समय था, और कई मेडिकल छात्र इसकी चपेट में आ गए। हादसे में कुल 265 लोगों की मौत की खबर है, जिसमें 230 यात्री, 2 पायलट, 10 क्रू मेंबर और मेडिकल कॉलेज के कुछ इंटर्न डॉक्टर शामिल थे। केवल एक यात्री, रमेश विश्वास कुमार, चमत्कारिक रूप से जीवित बचे।
बेटियों सर से उठा मां-बाप का साया
अर्जुनभाई के रिश्तेदारों और परिचितों में शोक की लहर है। उनके परिवार का कहना है कि अर्जुनभाई अपनी बेटियों के लिए जीते थे और उनकी हर छोटी-बड़ी जरूरत को पूरा करने के लिए मेहनत करते थे। उनकी मृत्यु ने न केवल परिवार को तोड़ दिया, बल्कि उनकी बेटियों के भविष्य पर भी सवालिया निशान लगा दिया है। स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों से परिवार को सहायता की उम्मीद है, लेकिन इस दुख की भरपाई असंभव लगती है।
मुआवजे की घोषणा
एयर इंडिया के मालिकाना हक वाले टाटा समूह ने हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके अलावा, अहमदाबाद सिविल अस्पताल में शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया शुरू की गई है, ताकि परिजनों को उनके अपनों के शव सौंपे जा सकें।
देश में शोक की लहर
इस हादसे ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने मृतकों के लिए संवेदनाएं व्यक्त की हैं और इस त्रासदी को पिछले 40 सालों में भारत का सबसे भयावह विमान हादसा बताया जा रहा है। यह हादसा न केवल अर्जुनभाई की बेटियों के लिए, बल्कि उन तमाम परिवारों के लिए एक गहरी चोट है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को इस त्रासदी में खोया। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जीवन कितना अनिश्चित है, और हमें अपनों के साथ बिताए हर पल को संजोना चाहिए।